नैतिक शासन व्यवस्था से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय और अधिकारीतंत्रीय अभिवृति में विभेद लोकतंत्रीय अभिवृति: जन भागीदारी: लोकतंत्रीय अभिवृति वाले लोक सेवक जनता के साथ सक्रिय सहभागिता को प्राथमिकता देते हैं, जैसे शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में भागीदारी के माध्यम से। पारदर्शिता और उत्तरदायित्व: ये लोक सेवक पारदर्शिता और उत्Read more
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय और अधिकारीतंत्रीय अभिवृति में विभेद
लोकतंत्रीय अभिवृति:
- जन भागीदारी: लोकतंत्रीय अभिवृति वाले लोक सेवक जनता के साथ सक्रिय सहभागिता को प्राथमिकता देते हैं, जैसे शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में भागीदारी के माध्यम से।
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व: ये लोक सेवक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व पर जोर देते हैं, जैसे मूल्यांकन और निगरानी प्रणालियों के माध्यम से।
- लचीला दृष्टिकोण: जनता की फीडबैक के आधार पर लचीला और प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाते हैं।
अधिकारीतंत्रीय अभिवृति:
- संबंधित प्रक्रियाएँ: अधिकारीतंत्रीय अभिवृति वाले लोक सेवक कठोर नियम और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जैसे पारंपरिक प्रशासनिक नियम और ब्यूक्रेटिक प्रक्रियाएँ।
- औपचारिकता: इनकी औपचारिकता और प्रणालीगत दृष्टिकोण अधिक होता है, जैसे विभागीय रिपोर्टिंग और लंबी प्रक्रियाएँ।
- ऊर्ध्वाधर निर्णय प्रक्रिया: ऊर्ध्वाधर और शीर्ष-डाउन निर्णय प्रक्रियाओं को अपनाते हैं, जैसे नियामक निर्णय केवल उच्च अधिकारियों द्वारा लिए जाते हैं।
हालिया उदाहरण: प्रधानमंत्री जन धन योजना और स्वच्छ भारत मिशन लोकतंत्रीय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जिसमें नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया है।
निष्कर्ष: लोकतंत्रीय अभिवृति जन सहभागिता, पारदर्शिता, और लचीलेपन पर आधारित होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृति औपचारिकता, प्रक्रियागत कठोरता, और ऊर्ध्वाधर निर्णय प्रक्रिया पर केंद्रित होती है।
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नैतिक शासन व्यवस्था का अर्थ नैतिक शासन व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी प्रशासनिक प्रणाली से है जिसमें नैतिकता, ईमानदारी, और सदाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। यह प्रणाली प्रशासनिक निर्णयों, नीतियों, और कार्यवाहियों में नैतिक मानकों को सुनिश्चित करती है, ताकि जनता के हित सुरक्षित रहें और सार्वजनिक संRead more
नैतिक शासन व्यवस्था का अर्थ
नैतिक शासन व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी प्रशासनिक प्रणाली से है जिसमें नैतिकता, ईमानदारी, और सदाचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। यह प्रणाली प्रशासनिक निर्णयों, नीतियों, और कार्यवाहियों में नैतिक मानकों को सुनिश्चित करती है, ताकि जनता के हित सुरक्षित रहें और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग न हो।
उदाहरण
नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिकता के पालन से जन विश्वास और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है, जिससे एक न्यायपूर्ण और प्रभावी सरकारी व्यवस्था सुनिश्चित होती है।
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