प्रश्न का उत्तर अधिकतम 10 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 02 अंक का है। [MPPSC 2023] विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु कौन-से बताये गये हैं?
लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व की अवधारणा के मूल निहितार्थ उत्तरदायित्व (Accountability) लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी अधिकारी और संस्थान जनता के प्रति अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार रहें। इसके मूल निहितार्थ निम्नलिखित हैं, जिनकRead more
लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व की अवधारणा के मूल निहितार्थ
उत्तरदायित्व (Accountability) लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी अधिकारी और संस्थान जनता के प्रति अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार रहें। इसके मूल निहितार्थ निम्नलिखित हैं, जिनके साथ हालिया उदाहरण भी दिए गए हैं:
**1. पारदर्शिता को बढ़ावा देना:
- स्पष्ट रिपोर्टिंग तंत्र: उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है कि सरकारी गतिविधियाँ और निर्णय पारदर्शी तरीके से प्रस्तुत किए जाएं। उदाहरण के लिए, जन सूचना अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 ने नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया है।
- ओपन डेटा इनिशिएटिव्स: सरकारी डेटा को आम जनता के लिए उपलब्ध कराना पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। भारत सरकार का ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफार्म इसका एक उदाहरण है, जो विभिन्न सरकारी डेटा सेट्स को सार्वजनिक करता है।
**2. जनता का विश्वास बढ़ाना:
- विश्वसनीयता का निर्माण: उत्तरदायित्व से यह सुनिश्चित होता है कि सरकारी अधिकारी जनहित में कार्य करें और अपने कार्यों के लिए जवाबदेह हों। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निवारण रणनीति विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार कम करने के लिए अपनाई जाती है।
- जनता की भागीदारी: नागरिकों को नीतिगत निर्णयों में शामिल करना और उनकी फीडबैक लेना विश्वास बढ़ाता है। MyGov प्लेटफार्म जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म जनता की राय और सुझावों को स्वीकार करते हैं।
**3. प्रभावी सेवा वितरण:
- समय पर सेवाएं: उत्तरदायित्व यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी सेवाएं प्रभावी और समय पर प्रदान की जाएं। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवास निर्माण की निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तंत्र लागू किए गए हैं।
- प्रदर्शन मूल्यांकन: नियमित प्रदर्शन मूल्यांकन और ऑडिट्स सरकारी कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को मापने में मदद करते हैं। कंप्ट्रोलर और ऑडिटर जनरल (CAG) के ऑडिट्स सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली की निगरानी करते हैं।
**4. भ्रष्टाचार की रोकथाम:
- भ्रष्टाचार विरोधी उपाय: उत्तरदायित्व तंत्र भ्रष्टाचार को रोकने और इसे संबोधित करने में मदद करता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) भ्रष्टाचार पर निगरानी और जांच करता है।
- व्हिसलब्लोअर सुरक्षा: भ्रष्टाचार या गलत कार्यों की सूचना देने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानून महत्वपूर्ण हैं। व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट, 2014 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
**5. कानूनी और नैतिक अनुपालन:
- कानूनी पालन: उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है कि सरकारी अधिकारी कानूनी और नैतिक मानदंडों का पालन करें। सिविल सेवकों के लिए आचार संहिता नैतिकता और जिम्मेदारी के मानदंड तय करती है।
- न्यायिक निगरानी: न्यायपालिका सार्वजनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हाल की एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न्यायिक निगरानी का एक उदाहरण है।
**6. नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना:
- निर्णय निर्माण में शामिल करना: नागरिकों को नीति निर्माण और निर्णय प्रक्रियाओं में शामिल करना उत्तरदायित्व को बढ़ावा देता है। सार्वजनिक बजट सहभागिता जैसे कार्यक्रम नागरिकों को बजट निर्णयों में शामिल करते हैं।
- फीडबैक तंत्र: सार्वजनिक सेवाओं और नीतियों पर नागरिकों से फीडबैक प्राप्त करना सेवा गुणवत्ता और उत्तरदायित्व को बढ़ाता है। जन धन योजना की फीडबैक प्रणाली इसके एक उदाहरण के रूप में काम करती है।
**7. नैतिक शासन को बढ़ावा देना:
- ईमानदारी को प्रोत्साहित करना: उत्तरदायित्व नैतिक शासन को बढ़ावा देता है, सुनिश्चित करता है कि अधिकारी उच्च मानकों की ईमानदारी बनाए रखें। राष्ट्रीय नैतिकता और सत्यनिष्ठा ढांचा इस दिशा में हाल की एक पहल है।
- हितों का टकराव प्रबंधन: निर्णयों को निष्पक्ष तरीके से लेना और हितों के टकराव को प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है। आचार संहिता समितियाँ विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र संगठनों में हितों के टकराव को संबोधित करती हैं।
**8. जोखिम प्रबंधन:
- जोखिम पहचान और प्रबंधन: उत्तरदायित्व सार्वजनिक प्रशासन में जोखिमों की पहचान और प्रबंधन से संबंधित है। राष्ट्रीय जोखिम प्रबंधन ढांचा आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े जोखिमों को सुलझाने में मदद करता है।
इन निहितार्थों को समझकर और लागू करके, हम लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे सरकारी कार्यों की पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
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विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही (Accountability) और पारदर्शिता (Transparency) के रूप में बताए गए हैं। ये बिन्दु सुशासन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार के कार्यों की प्रभावशीलता और निष्पक्षता को बढ़Read more
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही (Accountability) और पारदर्शिता (Transparency) के रूप में बताए गए हैं। ये बिन्दु सुशासन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार के कार्यों की प्रभावशीलता और निष्पक्षता को बढ़ावा देते हैं।
1. जवाबदेही (Accountability)
जवाबदेही का तात्पर्य है कि सरकार के अधिकारियों, संगठनों और संस्थाओं को अपनी क्रियाओं और निर्णयों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक संसाधनों और वित्त का उपयोग उचित तरीके से और जनता की भलाई के लिए किया जाए।
2. पारदर्शिता (Transparency)
पारदर्शिता का तात्पर्य है कि सरकार की कार्रवाइयाँ और निर्णय सार्वजनिक जांच के लिए खुले और सुलभ हों। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी प्रक्रियाओं की जानकारी जनता के लिए उपलब्ध हो, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकें और विश्वास बढ़े।
निष्कर्ष
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही और पारदर्शिता हैं। जवाबदेही यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी अधिकारी अपनी कार्रवाइयों के लिए उत्तरदायी हों, जबकि पारदर्शिता यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी प्रक्रियाएँ और निर्णय जनता के लिए खुले और सुलभ हों। हाल के उदाहरण, जैसे लोकपाल की कार्यप्रणाली और RTI अधिनियम, इन बिन्दुओं की महत्वपूर्णता और प्रभावशीलता को दर्शाते हैं, जो सुशासन की गुणवत्ता और सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
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