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उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के वन्यजीव अभयारण्यों के पारिस्थितिक महत्व की व्याख्या करें । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के वन्यजीव अभयारण्यों के पारिस्थितिक महत्व की व्याख्या 1. पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित वन्यजीव अभयारण्यों का पारिस्थितिक तंत्र अत्यधिक संवेदनशील और विविध है। इन अभयारण्यों में शेरशाह, डॉली, और किशनपुर जैसे महत्वपूर्ण अभयारण्य शामिलRead more
उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के वन्यजीव अभयारण्यों के पारिस्थितिक महत्व की व्याख्या
1. पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित वन्यजीव अभयारण्यों का पारिस्थितिक तंत्र अत्यधिक संवेदनशील और विविध है। इन अभयारण्यों में शेरशाह, डॉली, और किशनपुर जैसे महत्वपूर्ण अभयारण्य शामिल हैं। इन क्षेत्रों की वनस्पतियों और जीवों का संयोजन स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र को स्थिर और संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
2. जैव विविधता का संरक्षण: तराई क्षेत्र की वन्यजीव अभयारण्यों में गैंडे, बाघ, और एशियाई हाथी जैसी विशिष्ट प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 2019 में, किशनपुर अभयारण्य में बाघों की संख्या में 10% की वृद्धि देखी गई, जो पारिस्थितिक तंत्र की सफलता को दर्शाता है। ये अभयारण्य दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा करते हैं और जैव विविधता को बनाए रखते हैं।
3. जलवायु नियंत्रण और बाढ़ नियंत्रण: तराई क्षेत्र की वनस्पति, विशेषकर मंगल वन और जलवायु नियंत्रक पेड़, जलवायु नियंत्रण और बाढ़ प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2021 में, तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा के बावजूद बाढ़ की स्थिति पर काबू पाया गया, जिससे यह साबित होता है कि इन अभयारण्यों की वनस्पति जलवायु और बाढ़ प्रबंधन में कितनी महत्वपूर्ण है।
4. स्थानीय समुदायों की भलाई: ये अभयारण्यों न केवल पारिस्थितिकीय महत्व के हैं बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी लाभकारी हैं। फॉरेस्ट काउंसिल्स और वन्यजीव प्रबंधन योजनाओं के माध्यम से स्थानीय निवासियों को रोजगार और विकास के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
निष्कर्ष: तराई क्षेत्र के वन्यजीव अभयारण्यों का पारिस्थितिक महत्व अत्यधिक है, जो जैव विविधता, पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण, जलवायु और बाढ़ नियंत्रण, और स्थानीय समुदायों के लाभ को सुनिश्चित करता है। इन अभयारण्यों का संरक्षण और प्रबंधन न केवल वन्यजीवों के लिए बल्कि पूरे पारिस्थितिक तंत्र के लिए आवश्यक है।
See lessउत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना में शामिल मिशनों का विवरण प्रस्तुत करें । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना के मिशन 1. सतत कृषि मिशन: यह मिशन जलवायु-प्रतिरोधी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना, जल उपयोग में कमी लाना और सूखा-प्रतिरोधी फसलों को अपनाना शामिल है। हालिया उदाहरण: 2023 में "प्राकृतिक खेती खुशहाल किसाRead more
उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना के मिशन
1. सतत कृषि मिशन: यह मिशन जलवायु-प्रतिरोधी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना, जल उपयोग में कमी लाना और सूखा-प्रतिरोधी फसलों को अपनाना शामिल है। हालिया उदाहरण: 2023 में “प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना” शुरू की गई, जो जैविक खेती और जल उपयोग में सुधार को प्रोत्साहित करती है।
2. नवीकरणीय ऊर्जा मिशन: इस मिशन का उद्देश्य राज्य की ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का हिस्सा बढ़ाना है। लक्ष्य 2030 तक 30% नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने का है। हालिया उदाहरण: “उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2023” के तहत 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
3. जल संसाधन प्रबंधन मिशन: यह मिशन जल की कमी से निपटने के लिए वर्षा जल संचयन, कुशल सिंचाई प्रथाओं, और जलग्रहण प्रबंधन को बढ़ावा देता है। हालिया उदाहरण: “जल जीवन मिशन” के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।
4. वन और जैव विविधता संरक्षण मिशन: इस मिशन का उद्देश्य वन आवरण बढ़ाना और जैव विविधता की रक्षा करना है। इसमें वनीकरण कार्यक्रम और वन्यजीव संरक्षण पहल शामिल हैं। हालिया उदाहरण: 2024 में “ग्रीन यूपी क्लीन यूपी” अभियान शुरू किया गया, जो हरे क्षेत्र को बढ़ाने और प्राकृतिक आवास की रक्षा पर केंद्रित है।
5. शहरी सहनशीलता मिशन: इस मिशन का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों की जलवायु प्रभावों के खिलाफ सहनशीलता बढ़ाना है। इसमें बुनियादी ढांचे का उन्नयन, कचरा प्रबंधन में सुधार, और सतत शहरी योजना शामिल है। हालिया उदाहरण: “स्मार्ट सिटी मिशन” के तहत लखनऊ और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों में जलवायु अनुकूलन उपाय शामिल किए गए हैं।
ये मिशन मिलकर उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।
See lessउत्तर प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान के संदर्भ में मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ के महत्व को रेखांकित करें । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान के संदर्भ में मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ का महत्व मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ का महत्व: सटीक पूर्वानुमान प्रदान करना: मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह केंद्र किसानों, नागरिकों और सरकारीRead more
उत्तर प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान के संदर्भ में मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ का महत्व
मौसम विज्ञान केन्द्र, लखनऊ का महत्व:
हालिया उदाहरण: 2024 में, लखनऊ मौसम विज्ञान केन्द्र ने “मौसम पूर्वानुमान वर्कशॉप” का आयोजन किया, जिसमें किसानों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को मौसम पूर्वानुमान और उसकी महत्वपूर्णता के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
See lessउत्तर प्रदेश सरकार का राज्य के स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संदर्भ में विज़न प्लान 2030 क्या है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश सरकार का विज़न प्लान 2030: स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र उत्तर प्रदेश सरकार का विज़न प्लान 2030 राज्य के स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित और सुधारने के लिए निम्नलिखित पहलों पर ध्यान केंद्रित करता है: वन आवरण और हरित क्षेत्र का विस्तार: 2030 तक राज्य के वन आवरण को 15% तक बढ़ाने का लक्ष्Read more
उत्तर प्रदेश सरकार का विज़न प्लान 2030: स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र
उत्तर प्रदेश सरकार का विज़न प्लान 2030 राज्य के स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित और सुधारने के लिए निम्नलिखित पहलों पर ध्यान केंद्रित करता है:
हालिया उदाहरण: 2024 में, उत्तर प्रदेश ने प्रमुख शहरों के चारों ओर “ग्रीन बेल्ट” परियोजना लागू की है, जो शहरी गर्मी के द्वीपों को कम करने और वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद कर रही है।
See lessप्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख दिशानिर्देश क्या हैं ? (125 Words) [UPPSC 2023]
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख दिशानिर्देश: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं: सिंगल-यूज़ प्लास्टिक (SUPs) पर प्रतिबंध: जुलाई 2022 से सिंगल-यूज़ प्लास्टिक जैसेRead more
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख दिशानिर्देश:
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं:
हालिया उदाहरण: 2023 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ मेले में प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने के लिए कपड़े के बैग वितरित किए और प्लास्टिक कचरा संग्रहण इकाइयां स्थापित कीं।
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