Trace the course of expansion of Western and technical education in Bihar between 1857-1947. [67th BPSC Main Exam 2022]
1857-1947 के मध्य बिहार में पाश्चात्य एवं तकनीकी शिक्षा का विस्तार बिहार में 1857 से 1947 के बीच पाश्चात्य एवं तकनीकी शिक्षा का प्रसार कई ऐतिहासिक घटनाओं और नीतियों का परिणाम था। ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में पाश्चात्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए, जिससे आधुनिक शिक्षा कRead more
1857-1947 के मध्य बिहार में पाश्चात्य एवं तकनीकी शिक्षा का विस्तार
बिहार में 1857 से 1947 के बीच पाश्चात्य एवं तकनीकी शिक्षा का प्रसार कई ऐतिहासिक घटनाओं और नीतियों का परिणाम था। ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में पाश्चात्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए, जिससे आधुनिक शिक्षा का विस्तार हुआ और समाज में जागरूकता फैली।
1. 1857 के बाद का प्रारंभिक दौर
- ब्रिटिश नीतियाँ: 1857 के विद्रोह के बाद, ब्रिटिश शासन ने भारतीयों के बीच शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया ताकि वे शिक्षित होकर प्रशासनिक कार्यों में सहयोग कर सकें। इस समय अंग्रेज़ी भाषा का उपयोग बढ़ा और पाश्चात्य विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा को महत्वपूर्ण माना गया।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय: 1857 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, जिससे बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक मंच मिला। यह विश्वविद्यालय पाश्चात्य शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बन गया।
2. पैटन कॉलेज की स्थापना (1863)
- 1863 में बिहार में पटना कॉलेज की स्थापना हुई, जो पाश्चात्य शिक्षा का प्रमुख केंद्र बना। इस कॉलेज ने बिहार के युवाओं को अंग्रेज़ी साहित्य, विज्ञान और गणित में प्रशिक्षित किया और प्रशासनिक सेवाओं में रोजगार के अवसर प्रदान किए।
3. साइंस कॉलेज, पटना का उदय
- 1928 में साइंस कॉलेज, पटना की स्थापना हुई। यह कॉलेज विशेष रूप से विज्ञान की शिक्षा के लिए बनाया गया था और इसे बिहार में तकनीकी शिक्षा का आधार माना जाता है। यहां छात्रों को भौतिकी, रसायनशास्त्र, और जीवविज्ञान जैसे विषयों में आधुनिक शिक्षा दी गई, जिससे विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ी।
4. पटना मेडिकल कॉलेज (1925)
- 1925 में पटना मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई, जो बिहार में चिकित्सा क्षेत्र में शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र बना। इस कॉलेज ने बिहार के छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में प्रशिक्षित किया और स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया। पटना मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं में बिहार के विकास का आधार माना जाता है।
5. मौलाना मजहरुल हक़ अरबिक एंड पर्शियन यूनिवर्सिटी
- भारतीय संस्कृति और पाश्चात्य शिक्षा के समन्वय के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी, जो धार्मिक एवं पाश्चात्य शिक्षा का केंद्र बना। इसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से सामाजिक सुधार करना था।
6. तकनीकी शिक्षा का विकास
- तकनीकी संस्थानों की स्थापना: बिहार में 1940 के दशक में कुछ तकनीकी संस्थानों की स्थापना हुई, जो यांत्रिकी, सिविल इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी विषयों में शिक्षा देने लगे।
- बिहार स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग: बिहार स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने तकनीकी शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस संस्था ने बिहार के छात्रों को इंजीनियरिंग में प्रशिक्षित कर औद्योगिक विकास में सहयोग किया।
ब्रिटिश शासन का प्रभाव और परिणाम
ब्रिटिश शासन के अंतर्गत पाश्चात्य शिक्षा ने बिहार में शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया। छात्रों में स्वतंत्रता, समानता और आधुनिक सोच को बढ़ावा मिला, जिससे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी हुई। इस दौरान बिहार में सामाजिक सुधार, राजनीतिक जागरूकता और आधुनिक विज्ञान की शिक्षा का आधार तैयार हुआ।
निष्कर्ष
1857 से 1947 के बीच बिहार में पाश्चात्य और तकनीकी शिक्षा का प्रसार सामाजिक और राजनीतिक विकास का एक महत्वपूर्ण अंग बना। शिक्षा ने न केवल समाज में जागरूकता और चेतना फैलाई, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम को भी सशक्त बनाया।
See less
Expansion of Western and Technical Education in Bihar (1857-1947) The spread of Western and technical education in Bihar between 1857 and 1947 played a significant role in transforming the social, cultural, and political landscape of the region. The introduction of Western education was primarily drRead more
Expansion of Western and Technical Education in Bihar (1857-1947)
The spread of Western and technical education in Bihar between 1857 and 1947 played a significant role in transforming the social, cultural, and political landscape of the region. The introduction of Western education was primarily driven by British colonial policies, and it was crucial in shaping modern education and providing the tools for future social reforms in Bihar. Let’s trace the major developments during this period:
1. Early Efforts in Western Education (1857-1870)
2. Development of Western Education (1870-1900)
3. Spread of Technical Education and Professional Training (1900-1947)
4. Political and Social Impact of Education
5. Challenges Faced by Education System
Key Government Schemes in Education: