‘Agnipath’ is a path towards development or destruction? Comment. [67th BPSC Main Exam 2022]
अग्रिपथ: विकास अथवा विनाश की ओर पथ है? प्रस्तावना "अग्रिपथ" योजना भारतीय सेना के लिए एक नई भर्ती प्रणाली है, जिसे 2022 में भारतीय सरकार द्वारा घोषित किया गया। इस योजना का उद्देश्य भारतीय सेना की समग्र संरचना को आधुनिक और युवा बनाना है। इसके तहत, 17.5 से 21 वर्ष के युवा चार साल के लिए सेना में भर्तीRead more
अग्रिपथ: विकास अथवा विनाश की ओर पथ है?
प्रस्तावना
“अग्रिपथ” योजना भारतीय सेना के लिए एक नई भर्ती प्रणाली है, जिसे 2022 में भारतीय सरकार द्वारा घोषित किया गया। इस योजना का उद्देश्य भारतीय सेना की समग्र संरचना को आधुनिक और युवा बनाना है। इसके तहत, 17.5 से 21 वर्ष के युवा चार साल के लिए सेना में भर्ती होंगे और फिर उन्हें वापस नागरिक जीवन में भेजा जाएगा। हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं। यह योजना विकास और विनाश के बीच एक गहरी बहस का विषय बन चुकी है।
अग्रिपथ योजना के उद्देश्य
अग्रिपथ योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- युवा शक्ति को प्रोत्साहन: इस योजना का लक्ष्य सेना में युवाओं को शामिल करना और उन्हें आवश्यक सैन्य प्रशिक्षण देना है।
- संरचनात्मक सुधार: यह योजना भारतीय सेना को और अधिक लचीला और कम उम्र का बनाने का प्रयास करती है, ताकि उसे ज्यादा ऊर्जावान और तेज़ बनाया जा सके।
- वित्तीय लाभ: सेना की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव से सरकार के वित्तीय बोझ को भी कम किया जा सकेगा, क्योंकि यह योजना पारंपरिक भर्ती योजनाओं की तुलना में सस्ती है।
अग्रिपथ योजना के लाभ
- युवाओं के लिए रोजगार अवसर: यह योजना सेना में लाखों युवाओं को रोजगार प्रदान करने का अवसर देती है। इन युवाओं को चार साल तक सैन्य सेवा में भर्ती किया जाएगा, जिससे वे अनुशासन, नेतृत्व और कौशल में प्रशिक्षित होंगे।
- सैन्य आधुनिकीकरण: अग्रिपथ योजना के तहत, सेना में भर्ती होने वाले युवा सैनिक नई तकनीकों से लैस होंगे और उन्हें अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे भारतीय सेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- नौकरी के बाद नागरिक जीवन में समन्वय: इस योजना के तहत प्रशिक्षित सैनिकों को सेना छोड़ने के बाद नागरिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके तहत सरकार रोजगार के लिए विशेष पहल भी करेगी, जिससे समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- कम उम्र और अधिक ऊर्जा: सेना में युवाओं का शामिल होना सेना को अधिक ऊर्जावान और गतिशील बनाएगा, जो भविष्य में युद्धकर्मियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
अग्रिपथ योजना के विपक्षी दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य और मानसिक प्रभाव: चार साल के बाद सैनिकों को वापस नागरिक जीवन में भेजना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इन युवाओं को लंबे समय तक सेना में सेवा नहीं देने से उनका सैनिक जीवन अधूरा रह सकता है।
- सेना की स्थिरता में कमी: इस योजना के तहत, सैनिकों का कार्यकाल केवल चार साल का होता है, जिससे सेना में स्थिरता और अनुभव की कमी हो सकती है। अनुभवी सैनिकों की कमी से सैन्य संचालन में कमी आ सकती है।
- समाज में असंतोष: चार साल के बाद सैनिकों को वापस भेजे जाने के कारण यह सामाजिक असंतोष उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि जो लोग चार साल तक सेना में सेवा देंगे, वे नागरिक जीवन में पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाएंगे।
- अपर्याप्त प्रशिक्षण: केवल चार साल की सेवा के बाद सैनिकों को सैन्य क्षेत्र में अपनी पूरी क्षमता को साबित करने का अवसर नहीं मिलेगा। यह योजना उन्हें गहरी सैन्य रणनीति और अनुभव प्राप्त करने का पूरा समय नहीं देती।
भारत के संदर्भ में अग्रिपथ योजना का महत्त्व
- आर्थिक दृष्टिकोण: अग्रिपथ योजना से सरकार के रक्षा बजट पर दबाव कम हो सकता है। चार साल के बाद सैनिकों को स्थायी नौकरी नहीं दी जाती, जिससे सैन्य खर्चों में कमी आएगी। इसके अलावा, सेना में युवाओं की भर्ती होने से सरकार को बेहतर रणनीतिक परिणाम मिल सकते हैं।
- सेना की क्षमताओं में वृद्धि: भारतीय सेना को नई तकनीकों और तेज़ निर्णय लेने के लिए एक युवा और प्रशिक्षित बल प्राप्त होगा। इससे सैन्य अभियानों में अधिक गति और कुशलता आ सकती है।
- सामाजिक समन्वय: योजना के तहत प्रशिक्षित सैनिकों को समाज में अधिक जिम्मेदारी मिल सकती है। वे सशस्त्र बलों से निकाले जाने के बाद नागरिक जीवन में अपने कौशल का उपयोग कर सकते हैं, जो समाज के लिए लाभकारी होगा।
निष्कर्ष
अग्रिपथ योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो भारतीय सेना की संरचना को समकालीन और युवा बनाने का प्रयास करती है। हालांकि, इसे लेकर कई मुद्दे हैं, जैसे कि अनुभवहीनता, मानसिक स्वास्थ्य, और असंतोष के खतरे। इस योजना का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि इसे कैसे कार्यान्वित किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना और समाज में क्या परिवर्तन होते हैं।
See less
Agnipath Scheme: A Path Towards Development or Destruction? The Agnipath Scheme, introduced by the Government of India in June 2022, aims to bring reforms to the country's military recruitment process. It promises to recruit soldiers for a short term of four years under the scheme, which has sparkedRead more
Agnipath Scheme: A Path Towards Development or Destruction?
The Agnipath Scheme, introduced by the Government of India in June 2022, aims to bring reforms to the country’s military recruitment process. It promises to recruit soldiers for a short term of four years under the scheme, which has sparked both support and controversy. The scheme’s proponents believe it will bring significant benefits to both the armed forces and the youth, while critics argue that it may lead to negative consequences for the nation. Let’s explore both perspectives.
1. Objectives and Features of Agnipath Scheme
The Agnipath Scheme was designed to address various challenges facing the Indian Armed Forces, including the aging soldier profile and rising pension costs. The key features of the scheme include:
2. Arguments in Favor of Agnipath (Path to Development)
The supporters of the Agnipath scheme believe it can contribute positively to India’s future by addressing several key issues.
3. Criticisms of Agnipath (A Risk of Destruction)
While the scheme has its merits, there are several concerns about its potential negative impacts.
4. Conclusion: Development or Destruction?
The Agnipath Scheme has the potential to be both a path towards development and a source of destruction, depending on how it is implemented and received by the people.