The Parliament of India is an effective forum of national integration. Discuss. [67th BPSC Main Exam 2022]
भारत की संसद और राष्ट्रीय एकीकरण भारत की संसद राष्ट्रीय एकीकरण का एक प्रभावी मंच है, क्योंकि यह विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, धर्मों, और जातियों के लोगों को एक मंच पर लाकर एकजुट करती है। भारतीय लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी विशेषता है कि यहाँ विभिन्न विचारधाराएँ, विविधताएँ और मतभेद हैं, फिर भी संसद का मुखRead more
भारत की संसद और राष्ट्रीय एकीकरण
भारत की संसद राष्ट्रीय एकीकरण का एक प्रभावी मंच है, क्योंकि यह विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, धर्मों, और जातियों के लोगों को एक मंच पर लाकर एकजुट करती है। भारतीय लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी विशेषता है कि यहाँ विभिन्न विचारधाराएँ, विविधताएँ और मतभेद हैं, फिर भी संसद का मुख्य उद्देश्य इन विविधताओं को सामंजस्यपूर्ण रूप से एकजुट करना है।
1. संसद का संरचनात्मक महत्व
- लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व: भारतीय संसद में दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में विभिन्न राज्यों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि होते हैं। इस प्रकार, संसद एक ऐसा मंच है जहाँ विभिन्न क्षेत्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक समूहों की आवाज़ सुनी जाती है।
- संविधानिक उद्देश्यों का पालन: भारतीय संविधान संसद को देश के सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था मानता है। यह राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य से विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सामंजस्य बनाए रखने का काम करता है।
2. राष्ट्रीय एकीकरण में संसद का योगदान
- केंद्रीकरण और क्षेत्रीयता का संतुलन: संसद ने विभिन्न कानूनों के माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकारों के अधिकारों का संतुलन स्थापित किया। इस संतुलन से राज्य और केंद्र के बीच सहयोग बढ़ा है और राज्य अपने विकास में स्वतंत्रता के साथ कार्य कर सकते हैं, जबकि राष्ट्रीय हितों का भी ध्यान रखा जाता है।
- भाषाई और सांस्कृतिक विविधता: भारतीय संसद में विभिन्न भाषाओं और संस्कृति से आने वाले लोग प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकसभा में विभिन्न भाषाओं में बहस होती है, जिससे एक सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को स्वीकार्यता मिलती है। उदाहरण के लिए, 22 भारतीय भाषाओं को संसद के कार्यों में उपयोग किया जाता है। यह विविधता राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
3. संसद द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण के लिए किए गए प्रयास
- समाज के विभिन्न वर्गों के लिए नीति निर्माण: संसद ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं जैसे अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) के अधिकार, महिलाओं के अधिकार, और धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित कानून।
- आत्मनिर्भर भारत और एकजुटता का संदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को संसद में प्रस्तुत किया गया, जिसका उद्देश्य देश की आंतरिक एकता को बढ़ावा देना और हर भारतीय को राष्ट्र के विकास में भागीदार बनाना है।
4. संसद की प्रमुख भूमिका
- बहस और संवाद का प्लेटफ़ॉर्म: संसद में विविध दलों के बीच चर्चा और बहस होती है, जो राष्ट्रीय मुद्दों पर सामूहिक सोच को प्रोत्साहित करती है। यहां पर विभिन्न विचारधाराओं को एक साथ लाने का कार्य किया जाता है।
- कानूनों का निर्माण: राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में संसद ने कई ऐतिहासिक कानून बनाए हैं जैसे समान नागरिक संहिता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, और कृषि सुधार कानून, जो देश में एकता और समानता सुनिश्चित करने के लिए हैं।
5. विरोध और चुनौतियाँ
हालाँकि भारतीय संसद राष्ट्रीय एकीकरण के लिए काम कर रही है, कुछ क्षेत्रीय दलों और विचारधाराओं के बीच मतभेद कभी-कभी राष्ट्रीय स्तर पर चुनौतीपूर्ण साबित होते हैं। विशेषकर जब राष्ट्रीय निर्णय क्षेत्रीय भाषाओं, संस्कृतियों और संसाधनों से जुड़े होते हैं, तो इन मुद्दों को हल करना कठिन हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, कश्मीर मुद्दा और अन्य क्षेत्रीय विवादों ने संसद की एकता को चुनौती दी है।
निष्कर्ष
भारत की संसद राष्ट्रीय एकीकरण का प्रभावी मंच है, क्योंकि यह विभिन्न विचारधाराओं, संस्कृतियों, और समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करके राष्ट्रीय हित में निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। हालांकि, क्षेत्रीय और सांस्कृतिक विविधताओं के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संसद का कर्तव्य है कि वह इन विभिन्नताओं को सकारात्मक रूप से जोड़कर राष्ट्र के समग्र विकास की दिशा में काम करे।
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The Parliament of India plays a crucial role in fostering national integration by representing diverse groups, regions, and interests across the country. As a platform where members from various states, languages, religions, and socio-economic backgrounds come together, the Parliament strengthens thRead more
The Parliament of India plays a crucial role in fostering national integration by representing diverse groups, regions, and interests across the country. As a platform where members from various states, languages, religions, and socio-economic backgrounds come together, the Parliament strengthens the unity of the nation. Here’s how it serves as an effective forum for national integration:
1. Representation of Diversity
2. Debate and Deliberation on National Issues
3. Legislation Promoting Unity and Equality
4. Role in National Crises and Emergencies
Examples of Parliament’s Role in National Integration