India is the second worst affected Covid-19 nation in the world. A fast vaccination process along with social distancing and mask use is the only solution to overcome the deadly virus. Describe the role played by our nation in countering ...
भारत में कोविड-19 महामारी का उन्मूलन और मेक इन इंडिया का योगदान भारत, कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। इस जानलेवा वायरस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सामाजिक दूरी, मास्क के साथ-साथ एक व्यापक और तेज टीकाकरण प्रक्रिया अत्यावश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडियाRead more
भारत में कोविड-19 महामारी का उन्मूलन और मेक इन इंडिया का योगदान
भारत, कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। इस जानलेवा वायरस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सामाजिक दूरी, मास्क के साथ-साथ एक व्यापक और तेज टीकाकरण प्रक्रिया अत्यावश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल ने महामारी के समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए और महामारी से निपटने में सक्षम हुआ।
मेक इन इंडिया और कोविड-19 टीकाकरण अभियान
1. टीकों का उत्पादन और विकास
मेक इन इंडिया के तहत भारत में कई टीकों का उत्पादन हुआ, जिसमें दो प्रमुख टीके शामिल हैं:
- कोवैक्सिन: भारत बायोटेक द्वारा निर्मित यह टीका पूरी तरह से भारत में विकसित हुआ। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से बनाया गया।
- कोविशील्ड: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित इस टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पुणे में किया। इसने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान में मदद की।
इन दोनों टीकों ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ विकासशील देशों में टीकों की आपूर्ति में भी सहायता की।
2. बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान
- मुफ्त टीकाकरण योजना: सरकार ने सभी भारतीय नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया, जो दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियानों में से एक है। इसके तहत अब तक करोड़ों लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
- को-विन ऐप का विकास: कोविड टीकाकरण को सरल और सुलभ बनाने के लिए भारत ने को-विन ऐप का विकास किया। इसके जरिए टीकाकरण स्लॉट बुक करना और वैक्सीन सर्टिफिकेट प्राप्त करना आसान हुआ।
स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सुधार
1. चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन
महामारी के दौरान वेंटिलेटर, PPE किट, मास्क और सैनिटाइज़र जैसे आवश्यक चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन बड़े पैमाने पर देश में किया गया। मेक इन इंडिया की वजह से इन वस्तुओं के लिए आयात पर निर्भरता कम हुई, और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई।
2. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सुविधाओं का विस्तार
महामारी के चरम समय पर ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी। ऐसे में सरकार ने ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुरू की और मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ावा दिया। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, ताकि चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो सके।
अनुसंधान और नवाचार का प्रोत्साहन
- वैज्ञानिक अनुसंधान और क्लीनिकल ट्रायल: भारत ने मेक इन इंडिया के तहत अनुसंधान को प्रोत्साहित किया, जिससे कोविड-19 के टीकों का विकास तेज हुआ। इसके साथ ही टीकों के क्लीनिकल ट्रायल को शीघ्रता से पूरा करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और परीक्षणों में तेजी लाई गई।
- बायोटेक और फार्मा उद्योग में वृद्धि: भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग महामारी के दौरान और अधिक विकसित हुआ। फार्मा कंपनियों ने बड़ी मात्रा में टीकों का उत्पादन किया, जिससे देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीके उपलब्ध कराए जा सके।
वैश्विक स्तर पर योगदान
भारत ने न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा किया बल्कि मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन कर कई देशों को कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराए। इसके जरिए भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान दिया और वैक्सीन मैत्री पहल के तहत कई विकासशील देशों को टीके दिए।
निष्कर्ष
मेक इन इंडिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण में आत्मनिर्भरता के कारण भारत न केवल अपने देशवासियों को सुरक्षा प्रदान कर सका, बल्कि अन्य देशों की भी सहायता कर सका। प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित मेक इन इंडिया अवधारणा ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
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India’s Role in Countering the COVID-19 Pandemic and the Make in India Concept India, the second worst-affected country by the COVID-19 pandemic, faced a massive challenge in controlling the spread of the virus while ensuring the health and safety of its 1.3 billion people. Amidst this, the governmeRead more
India’s Role in Countering the COVID-19 Pandemic and the Make in India Concept
India, the second worst-affected country by the COVID-19 pandemic, faced a massive challenge in controlling the spread of the virus while ensuring the health and safety of its 1.3 billion people. Amidst this, the government under Prime Minister Narendra Modi’s leadership took bold steps to manage the crisis. One of the key strategies was to accelerate the vaccination drive, combined with the implementation of social distancing and mask usage. These efforts were in alignment with the Make in India initiative, which played a crucial role in combating the pandemic by focusing on local manufacturing and self-reliance.
Role of the Government in Countering COVID-19
The Make in India Concept: A Key to India’s Success in the Pandemic
The Make in India initiative, launched by Prime Minister Modi in 2014, aimed at boosting the manufacturing sector, increasing job creation, and reducing dependency on imports. This initiative played a significant role during the pandemic in two key areas:
Challenges and Impact of thendia Approach
While Make in India played a significant role in the country’s response to the COVID-19 pandemic, several challenges persisted:
Despite these challenges, India’s ability to mobilize local resources and rapidly scale up production in key sectors proved to be crucial in the fight against COVID-19.
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