What progress India has made in the field of space satellite launching? What are the advantage and disadvantage of launching multisatellites in space? How does the entry in this field help India to strengthen its economy? [63th BPSC Mains Exam ...
भारत द्वारा उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने में प्रगति भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और विशेष रूप से उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने के क्षेत्र में देश ने उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण उपग्रहोंRead more
भारत द्वारा उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने में प्रगति
भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और विशेष रूप से उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने के क्षेत्र में देश ने उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है, जो न केवल भारत बल्कि विश्वभर में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की छवि को मजबूत करने में सहायक रहे हैं।
भारत की प्रमुख उपलब्धियां
- पेलोड क्षमता और मल्टी-लॉन्च:
- ISRO ने 2017 में PSLV-C37 के माध्यम से 104 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च किया, जो विश्व रिकॉर्ड है। इस मिशन ने भारत को मल्टी-लॉन्चिंग में अग्रणी बना दिया है।
- मंगलयान मिशन (Mangalyaan) और चंद्रयान-1 जैसे अभियानों ने भारत को अंतरिक्ष की महाशक्तियों में शामिल किया।
- स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV):
- भारत ने श्रीहरिकोटा के प्रक्षेपण स्थल से विभिन्न उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया, जैसे गगनयान, रेडियस, और INSAT श्रेणी के उपग्रह।
- उपग्रहों का व्यावसायिक उपयोग:
- ISRO का जीसैट श्रृंखला भारत के संचार, मौसम विज्ञान, और नेविगेशन के लिए महत्वपूर्ण है।
- NavIC (Navigation with Indian Constellation): भारत का स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन प्रणाली, जो GPS की तरह काम करता है, देश की सुरक्षा और नागरिकों के लिए उपयोगी है।
एक साथ कई उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के सकारात्मक और ऋणात्मक पहलू
सकारात्मक पहलू
- लागत में कमी:
- एक ही रॉकेट में कई उपग्रहों का प्रक्षेपण एक किफायती उपाय है। इससे प्रत्येक उपग्रह के प्रक्षेपण की लागत में कमी आती है।
- PSLV-C37 मिशन इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें 104 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च किया गया, जिससे भारत को कम लागत में अधिक उपग्रह भेजने की क्षमता मिली।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त:
- भारत ने एक साथ कई उपग्रहों को लॉन्च करके वैश्विक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बनाई। इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह लॉन्चिंग बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में पहचान मिली।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
- विभिन्न देशों के उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण भारत को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अवसर प्रदान करता है और अन्य देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देता है।
ऋणात्मक पहलू
- विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा:
- एक साथ कई उपग्रहों को लॉन्च करने से भारत की अंतरिक्ष क्षमता को कई देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, खासकर उन देशों से जिनके पास अधिक संसाधन और तकनीकी शक्ति है।
- रिस्क का बढ़ना:
- एक ही मिशन में कई उपग्रहों का प्रक्षेपण करने से मिशन में विफलता का जोखिम बढ़ जाता है। यदि कोई तकनीकी खराबी होती है, तो कई उपग्रहों का नुकसान हो सकता है।
भारत के लिए आर्थिक फायदे और अंतरिक्ष में प्रवेश से मिलने वाली सहायता
आर्थिक विकास में योगदान
- वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में प्रवेश:
- ISRO ने वैश्विक उपग्रह लॉन्च सेवा प्रदाताओं के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जो भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जन का एक प्रमुख स्रोत है। भारत के किफायती उपग्रह लॉन्चिंग शुल्क ने कई देशों को अपने उपग्रह भारत से लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया है।
- प्रौद्योगिकी के विस्तार से घरेलू उद्योगों को लाभ:
- अंतरिक्ष कार्यक्रम ने भारतीय उद्योगों को उच्च तकनीक और विनिर्माण क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए प्रेरित किया है। उदाहरण के तौर पर, उपग्रहों और रॉकेटों के निर्माण में घरेलू उद्योगों का बड़ा योगदान है।
- नौकरियों और कौशल विकास का अवसर:
- ISRO के परियोजनाओं से हजारों लोगों को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को उच्च स्तरीय कौशल प्राप्त हुआ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी संपत्ति बनते हैं।
- देश की सुरक्षा में मजबूती:
- भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम देश की सुरक्षा और रक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उपग्रहों के माध्यम से भारत की सैन्य क्षमता मजबूत हुई है, खासकर संचार, निगरानी और मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में।
निष्कर्ष
भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है। एक साथ कई उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने से लागत में कमी आई है और भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिली है। हालांकि, इसके कुछ जोखिम भी हैं, जैसे एक ही मिशन में कई उपग्रहों का नुकसान होने का खतरा।
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India’s Progress in Space Satellite Launching India has made remarkable progress in space technology since its humble beginnings in the 1960s. The Indian Space Research Organisation (ISRO) has become a global leader in cost-effective and efficient satellite launching. Key Achievements: Satellite LauRead more
India’s Progress in Space Satellite Launching
India has made remarkable progress in space technology since its humble beginnings in the 1960s. The Indian Space Research Organisation (ISRO) has become a global leader in cost-effective and efficient satellite launching.
Key Achievements:
Advantages of Launching Multiple Satellites:
Disadvantages:
Impact on India’s Economy
Conclusion
India’s advancements in space technology have transformed it into a global hub for cost-efficient satellite launching. This not only strengthens the economy through job creation and foreign revenue but also enhances its strategic and scientific capabilities. With ambitious projects like Gaganyaan (human spaceflight) and a potential space station by 2035, India is set to solidify its role in the global space economy.
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