‘नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक, 2021’ के अनुसार, भारत के 19 बड़े राज्यों में से बिहार का स्थान 18वाँ है। इस राज्य में, इस दयनीय स्थिति के उत्तरदायी कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। बिहार में स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने के लिए ...
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: कोविड-19 के बाद की प्रमुख विशेषताएँ 1. योजना का उद्देश्य यह योजना कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार अवसर उत्पन्न करने का उद्देश्य रखती है। इसके तहत औद्योगिक और उत्पादन क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना है। 2. प्रमुRead more
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: कोविड-19 के बाद की प्रमुख विशेषताएँ
1. योजना का उद्देश्य
- यह योजना कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार अवसर उत्पन्न करने का उद्देश्य रखती है।
- इसके तहत औद्योगिक और उत्पादन क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना है।
2. प्रमुख विशेषताएँ
- स्नातक/पदवीधारियों को रोजगार: नये रोजगार सृजन के लिए 2020-2021 में अधिकतम मदद देने का प्रस्ताव।
- संगठित क्षेत्र में रोजगार प्रोत्साहन: सरकार ने कोविड-19 से प्रभावित संगठित क्षेत्र में अधिक से अधिक श्रमिकों की भर्ती के लिए प्रोत्साहन दिया।
3. प्रावधान
- प्रोत्साहन पैकेज: संगठित क्षेत्रों के लिए कोविड राहत पैकेज और नियोक्ता को योगदान में छूट की व्यवस्था।
- मूल्यवर्धन: नये व्यापार एवं निवेश के लिए नीति और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
निष्कर्ष
यह योजना भारत की आर्थिक पुनर्निर्माण प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है और बेरोज़गारी की समस्या को हल करने में मदद करती है।
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 में बिहार का स्थान: नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 के अनुसार, बिहार भारत के 19 बड़े राज्यों में से 18वें स्थान पर है, जिसमें कुल 31.00 स्कोर प्राप्त किया है। यह सूचकांक समग्र स्वास्थ्य प्रदर्शन पर आधारित है, जिसमें 24 विभिन्न संकेतकों का समावेश किया गया है। इRead more
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 में बिहार का स्थान:
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 के अनुसार, बिहार भारत के 19 बड़े राज्यों में से 18वें स्थान पर है, जिसमें कुल 31.00 स्कोर प्राप्त किया है। यह सूचकांक समग्र स्वास्थ्य प्रदर्शन पर आधारित है, जिसमें 24 विभिन्न संकेतकों का समावेश किया गया है। इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर केरल (82.20 अंक), तमिलनाडु (72.42 अंक) और तेलंगाना (69.96 अंक) हैं।
बिहार की स्वास्थ्य स्थिति में खराब प्रदर्शन के कारण:
बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कई कारणों से दयनीय रही है, जिनमें प्रमुख हैं:
बिहार में स्वास्थ्य सुधार के लिए उठाए गए कदम:
हालांकि बिहार की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं, लेकिन ये अब तक पर्याप्त नहीं साबित हुए हैं:
क्या ये कदम पर्याप्त हैं?
हालांकि कुछ कदम उठाए गए हैं, लेकिन राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि और स्वास्थ्य बजट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता देना भी महत्वपूर्ण है।
समग्र रूप से, बिहार को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता है, और इसे प्राथमिकता के साथ लागू करना होगा ताकि राज्य की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सके।
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