“The uneven development of Indian States has created many socio-economic and political problems.” Critically analyze the statement with special reference to Bihar. [66th BPSC Main Exam 2020]
'जीविका परियोजना' बिहार राज्य में महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण औजार बनकर उभरी है। बिहार राज्य में महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गई थी। इसका पूरा नाम बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रोजेक्ट (B.R.L.P.S.) है, जिसे मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं के सामाजिRead more
‘जीविका परियोजना’ बिहार राज्य में महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण औजार बनकर उभरी है। बिहार राज्य में महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गई थी। इसका पूरा नाम बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रोजेक्ट (B.R.L.P.S.) है, जिसे मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्यरत किया गया है।
जीविका परियोजना का परिचय
- परियोजना की शुरुआत:
- जीविका परियोजना का आरंभ बिहार राज्य ग्रामीण जीविका मिशन के तहत वर्ष 2006 में हुआ था। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने जीवन स्तर को सुधार सकें और आर्थिक गतिविधियों में भागीदार बन सकें।
- मुख्य उद्देश्य:
- महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से एकजुट करना।
- महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण और आजीविका के अवसर प्रदान करना।
- महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ावा देना।
- कार्य क्षेत्र:
- यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में काम करती है, जहां महिलाओं को अपने परिवार की आय बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
- इस परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूह (SHGs) बनाए जाते हैं, जिनके माध्यम से महिलाएँ एक साथ मिलकर बैंकों से ऋण प्राप्त करती हैं, कृषि आधारित उद्योगों और छोटे व्यवसायों में निवेश करती हैं।
जीविका परियोजना के उद्देश्य
- महिला सशक्तिकरण:
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कराने की दिशा में काम करना।
- महिलाओं को सामाजिक निर्णयों में भागीदारी बढ़ाने और समान अधिकारों की दिशा में कार्य करना।
- आर्थिक सशक्तिकरण:
- महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उद्यमिता और व्यापार की दिशा में प्रशिक्षित करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर उत्पन्न करना, जैसे कि पशुपालन, कृषि आधारित उद्योग, हस्तशिल्प आदि।
- सामाजिक जागरूकता:
- महिलाओं में सामाजिक, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता फैलाना।
- महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण और बाल देखभाल के मुद्दों पर जानकारी प्रदान करना।
बिहार में महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में जीविका परियोजना की भूमिका
- स्वयं सहायता समूहों का निर्माण:
- जीविका परियोजना ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को संगठित किया है। इन समूहों में महिलाएं एक साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करती हैं और आपस में बचत करती हैं। इससे महिलाओं को सामाजिक सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
- उदाहरण के तौर पर, बिहार के छपरा जिले में महिलाओं ने जीविका परियोजना के तहत एक समूह बनाकर जैविक कृषि की शुरुआत की, जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय में भी सकारात्मक बदलाव लाए।
- आर्थिक स्वतंत्रता और निर्णय लेने की क्षमता:
- जीविका परियोजना ने महिलाओं को वित्तीय प्रबंधन, कृषि उत्पादकता, और व्यवसाय कौशल में प्रशिक्षित किया है। अब महिलाएं घर की आय में योगदान देने के साथ-साथ निर्णय लेने में भी भागीदार बन गई हैं।
- उदाहरण के रूप में, सारण जिले की एक महिला ने जीविका परियोजना के तहत पशुपालन का काम शुरू किया और अब वह अपने परिवार के लिए अच्छे मुनाफे की कमाई कर रही है।
- स्वास्थ्य और पोषण जागरूकता:
- जीविका परियोजना ने महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूक किया है। महिला समूहों के माध्यम से यह जागरूकता फैलाई जा रही है कि महिलाएं अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें।
- उदाहरण के तौर पर, महिलाएं स्वच्छता और पानी की सुरक्षा के बारे में जागरूक हो रही हैं और गांवों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
- सामाजिक बदलाव:
- महिलाओं की आवाज़ अब समाज में सुनी जाती है, और वे विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे बाल विवाह, महिला शिक्षा, और लैंगिक समानता पर जागरूकता फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल हो रही हैं।
- गया जिले में महिलाओं ने जीविका परियोजना के तहत महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई।
जीविका परियोजना की सफलता और चुनौतियाँ
- सफलताएँ:
- जीविका परियोजना ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में कई सकारात्मक बदलाव दिए हैं। अब महिलाएं वित्तीय स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक निर्णयों में भागीदारी कर रही हैं।
- कौशल विकास और स्वयं सहायता समूहों की मदद से महिलाएं अपने घरों में आर्थिक स्थिरता लाने में सफल हो रही हैं।
- चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता और तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण महिलाओं के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की प्रक्रिया कठिन हो सकती है।
- कुछ क्षेत्रों में सामाजिक रूढ़िवादिता और पारंपरिक दृष्टिकोण महिलाओं के सशक्तिकरण में रुकावट डालते हैं।
Uneven Development Among Indian States: Socio-Economic and Political Challenges in Bihar India’s states show significant differences in development, creating various socio-economic and political issues. Bihar, one of the least developed states, provides a case study of how these disparities contribuRead more
Uneven Development Among Indian States: Socio-Economic and Political Challenges in Bihar
India’s states show significant differences in development, creating various socio-economic and political issues. Bihar, one of the least developed states, provides a case study of how these disparities contribute to social challenges and migration pressures.
1. Socio-Economic Issues
2. Education and Health Disparities
3. Political and Governance Issues
Impact on India as a Whole
Uneven development has fostered competitive federalism, with states like Bihar struggling to keep up. This contributes to growing inequality and stresses urban infrastructure in developed states due to migration, affecting social cohesion across India.
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