समुद्री कचरे के पर्यावरणीय प्रभावों पर प्रकाश डालिए। साथ ही, चर्चा कीजिए कि समुद्री कचरे का प्रबंधन करना कठिन क्यों है। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
दिल्ली और आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। इस झाग का मुख्य कारण नदी में अत्यधिक मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट, रसायन, और घरेलू गंदगी का मिलना है। शीत ऋतु में कम तापमान और उच्च आर्द्रता के कारण इन प्रदूषकों के साथ बायोलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड (BOD)Read more
दिल्ली और आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। इस झाग का मुख्य कारण नदी में अत्यधिक मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट, रसायन, और घरेलू गंदगी का मिलना है। शीत ऋतु में कम तापमान और उच्च आर्द्रता के कारण इन प्रदूषकों के साथ बायोलॉजिकल ऑक्सिजन डिमांड (BOD) और कैलोरेस्ट्रेटिव स्ट्रिप्स (COD) के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे झाग का निर्माण होता है।
इसके व्यापक प्रभावों में जल की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट, जलीय जीवन के लिए खतरा, और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव शामिल हैं। प्रदूषित जल से बीमारियों का खतरा बढ़ता है, और यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। इसके समाधान के लिए प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और नदी संरक्षण उपायों की आवश्यकता है।
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समुद्री कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव गंभीर और व्यापक हैं: पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव: समुद्री कचरा, विशेषकर प्लास्टिक, समुद्री जीवन जैसे मछलियाँ, कछुए और पक्षियों के लिए हानिकारक है। ये जीव कचरे को गलती से खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। प्लास्टिक प्रदूषण: प्लास्टिक समुदRead more
समुद्री कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव गंभीर और व्यापक हैं:
पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव: समुद्री कचरा, विशेषकर प्लास्टिक, समुद्री जीवन जैसे मछलियाँ, कछुए और पक्षियों के लिए हानिकारक है। ये जीव कचरे को गलती से खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण: प्लास्टिक समुद्र में टूटकर माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाता है, जो खाद्य श्रृंखला में समाहित हो जाता है और जलीय जीवों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
कोरल रीफ्स को नुकसान: कचरा, जैसे कि धातु और प्लास्टिक, कोरल रीफ्स को शारीरिक और रासायनिक रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिससे रीफ्स का जीवन संकट में पड़ता है।
समुद्री कचरे का प्रबंधन कठिन है क्योंकि:
विस्तृत वितरण: समुद्री कचरा दुनिया भर में फैला हुआ है और इसके स्रोत कई हैं, जिससे ट्रैकिंग और हटाने में कठिनाई होती है।
पारंपरिक सफाई विधियों की सीमाएँ: समुद्री कचरे को निकालना और नष्ट करना महंगा और जटिल होता है, विशेष रूप से बड़े और कड़े कचरे के लिए।
विविधता और स्थायित्व: कचरे की विविधता और प्लास्टिक जैसे सामग्री की स्थायित्व इसे लंबे समय तक समुद्र में बने रहने की क्षमता देती है, जिससे निपटना मुश्किल हो जाता है।
समुद्री कचरे के प्रबंधन के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और नवाचार आवश्यक हैं।
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