“आर्थिक विकास और कार्बन उत्सर्जन के बीच संतुलन की समस्या” पर टिप्पणी लिखिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
'वन वाटर' दृष्टिकोण: जल और शहरी-पारिस्थितिकी चुनौतियों का समाधान 'वन वाटर' दृष्टिकोण एक एकीकृत जल प्रबंधन पद्धति है जो जल संसाधनों के विविध उपयोगों और उनकी आपसी निर्भरता को समझती है। यह दृष्टिकोण जल की गुणवत्ता, मात्रा और वितरण की समग्र योजना बनाने पर बल देता है, जिससे शहरी और पारिस्थितिकी संबंधी समRead more
‘वन वाटर’ दृष्टिकोण: जल और शहरी-पारिस्थितिकी चुनौतियों का समाधान
‘वन वाटर’ दृष्टिकोण एक एकीकृत जल प्रबंधन पद्धति है जो जल संसाधनों के विविध उपयोगों और उनकी आपसी निर्भरता को समझती है। यह दृष्टिकोण जल की गुणवत्ता, मात्रा और वितरण की समग्र योजना बनाने पर बल देता है, जिससे शहरी और पारिस्थितिकी संबंधी समस्याओं को प्रभावी ढंग से निपटाया जा सके।
जल और शहरी पारिस्थितिकी चुनौतियों के संदर्भ में, ‘वन वाटर’ दृष्टिकोण निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:
- समन्वित प्रबंधन: जल के सभी स्रोतों, जैसे कि सतही जल, भूजल, और वर्षा जल, को एक साथ प्रबंधित किया जाता है, जिससे जल की समग्र उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार होता है।
- संवेदनशीलता और लचीलापन: शहरी क्षेत्रों में बाढ़, सूखा, और जल प्रदूषण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए इस दृष्टिकोण से पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों को जल प्रबंधन में शामिल कर, सतत और प्रभावी समाधान विकसित किए जा सकते हैं।
इस दृष्टिकोण से शहरी विकास और पारिस्थितिकीय संरक्षण के बीच एक संतुलन स्थापित किया जा सकता है, जिससे दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
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परिचय पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो किसी प्रस्तावित परियोजना या विकास की संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि निर्णय-निर्माताओं के पास परियोजना की स्वीकृति से पहले पर्यावरणीय प्रभावों की जानकारी हो, ताकि संभाRead more
परिचय
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो किसी प्रस्तावित परियोजना या विकास की संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि निर्णय-निर्माताओं के पास परियोजना की स्वीकृति से पहले पर्यावरणीय प्रभावों की जानकारी हो, ताकि संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके और सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
EIA की प्रक्रिया
EIA के लाभ और महत्व
EIA के चुनौतीपूर्ण पहलू
हाल के उदाहरण और केस स्टडीज
निष्कर्ष
पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) विकास परियोजनाओं को पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह संभावित प्रभावों की पहचान और निवारण की प्रक्रिया प्रदान करता है, जो पर्यावरणीय क्षति को रोकने, सतत विकास को प्रोत्साहित करने, और जन स्वास्थ्य की रक्षा करने में सहायक है। हालाँकि इसके सामने चुनौतियाँ हैं, EIA की प्रभावशीलता को बढ़ाने और पिछले अनुभवों से सीखे गए पाठों को लागू करने से सतत प्रगति प्राप्त करना संभव होगा।
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