प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2023] हरित पट्टियों के मुख्य उपयोग लिखिये।
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (Environmental Protection Act, EPA) भारत में 19 दिसंबर 1986 को लागू किया गया। यह अधिनियम पर्यावरण संरक्षण और सुधार के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है और यह भारत की पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुख्य बिंदु: उद्देश्य और लक्ष्यRead more
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (Environmental Protection Act, EPA) भारत में 19 दिसंबर 1986 को लागू किया गया। यह अधिनियम पर्यावरण संरक्षण और सुधार के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है और यह भारत की पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्य बिंदु:
- उद्देश्य और लक्ष्य
- इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय और राज्य प्राधिकरणों के बीच समन्वय स्थापित करना और पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए उपाय करना है।
- यह अधिनियम प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण प्रबंधन, और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है।
- ऐतिहासिक संदर्भ
- EPA का enactment पर्यावरणीय गिरावट और प्रदूषण के बढ़ते मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता के जवाब में हुआ।
- यह अधिनियम अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण मानकों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति बढ़ती जागरूकता को प्रतिबिंबित करता है।
- मुख्य प्रावधान
- केंद्रीय सरकार की शक्ति: यह अधिनियम केंद्रीय सरकार को पर्यावरण की रक्षा और सुधार के लिए आवश्यक उपाय करने का अधिकार प्रदान करता है।
- पर्यावरणीय मानक: इसमें वायु, जल, और मिट्टी की गुणवत्ता के लिए मानक स्थापित करने की व्यवस्था है।
- पर्यावरणीय मंजूरी: कुछ औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालें।
- हाल के उदाहरण और कार्यान्वयन:
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश (2023): हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में EPA के तहत कड़ी प्रवर्तन की दिशा में आदेश दिए। यह आदेश पर्यावरणीय मानकों की अनुपालन की पुष्टि करता है।
- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम (2021): भारतीय सरकार ने EPA की प्रावधानों के तहत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों की समीक्षा की। ये नियम प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को संबोधित करने और पुनर्चक्रण प्रयासों को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP): 2019 में लॉन्च किया गया, NCAP EPA के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक ढांचा है। इस कार्यक्रम ने प्रमुख शहरों में कणिका पदार्थ के स्तर को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
- प्रभाव और चुनौतियाँ
- सकारात्मक प्रभाव: EPA ने पर्यावरणीय शासन को सुधारने, प्रदूषण को नियंत्रित करने और भारत में सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- चुनौतियाँ: हालांकि, अधिनियम को लागू करने में चुनौतियाँ जैसे अपर्याप्त प्रवर्तन, सीमित संसाधन, और केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता बनी रहती है।
निष्कर्ष
19 दिसंबर 1986 को लागू किया गया पर्यावरण संरक्षण अधिनियम भारत के पर्यावरणीय कानूनों की आधारशिला है। यह पर्यावरण की रक्षा और सुधार, प्रदूषण नियंत्रण, और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है। हाल के उदाहरण, जैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश और अद्यतन नियम, यह दर्शाते हैं कि EPA समकालीन पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान करने और पर्यावरणीय मानकों की अनुपालना सुनिश्चित करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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हरित पट्टियों के मुख्य उपयोग 1. शहरी नियोजन और पर्यावरण संरक्षण हरित पट्टियाँ शहरी नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि वे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच एक बफर के रूप में कार्य करती हैं। इसके प्रमुख उपयोग हैं: शहरी विस्तार को नियंत्रित करना: हरित पट्टियाँ शहरों के विस्तार को रोकने मेंRead more
हरित पट्टियों के मुख्य उपयोग
1. शहरी नियोजन और पर्यावरण संरक्षण
हरित पट्टियाँ शहरी नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि वे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच एक बफर के रूप में कार्य करती हैं। इसके प्रमुख उपयोग हैं:
2. जैव विविधता संरक्षण
हरित पट्टियाँ जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं:
3. जलवायु नियमन
हरित पट्टियाँ जलवायु नियमन में योगदान करती हैं:
4. मनोरंजन और सार्वजनिक स्वास्थ्य
हरित पट्टियाँ मनोरंजन और सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान करती हैं:
5. कृषि संरक्षण
हरित पट्टियाँ कृषि भूमि के संरक्षण में सहायक होती हैं:
हरित पट्टियाँ शहरी नियोजन, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु नियमन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, और कृषि संरक्षण में कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती हैं।
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