‘जलवायु परिवर्तन’ एक वैश्विक समस्या है। भारत जलवायु परिवर्तन से किस प्रकार प्रभावित होगा ? जलवायु परिवर्तन के द्वारा भारत के हिमालयी और समुद्रतटीय राज्य किस प्रकार प्रभावित होंगे ? (250 words) [UPSC 2017]
हरित ग्रिड पहल का प्रयोजन 1. वैश्विक ऊर्जा संक्रमण: नवंबर 2021 में ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में शुरू की गई हरित ग्रिड पहल का उद्देश्य वैश्विक ऊर्जा ग्रिडों का एक नेटवर्क स्थापित करना है ताकि नवीनीकृत ऊर्जा का कुशलता से आदान-प्रदान किया जा सके। इससे फॉसिल ईंधन पर निर्भरता कम होगी और स्वच्छ ऊर्जRead more
हरित ग्रिड पहल का प्रयोजन
1. वैश्विक ऊर्जा संक्रमण: नवंबर 2021 में ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में शुरू की गई हरित ग्रिड पहल का उद्देश्य वैश्विक ऊर्जा ग्रिडों का एक नेटवर्क स्थापित करना है ताकि नवीनीकृत ऊर्जा का कुशलता से आदान-प्रदान किया जा सके। इससे फॉसिल ईंधन पर निर्भरता कम होगी और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
2. ऊर्जा पहुँच में सुधार: विभिन्न राष्ट्रीय ग्रिडों को जोड़ने से ऊर्जा की पहुंच और विश्वसनीयता में सुधार होगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां संसाधनों की कमी है। यह पहल अस्थिर नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा के संतुलन में भी मदद करती है।
3. जलवायु लक्ष्यों का समर्थन: यह पहल पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समर्थन देती है, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन को कम करने और नवीनीकृत ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देती है।
हालिया उदाहरण: भारत और यूरोपीय संघ जैसे देश पहले से ही क्षेत्रीय ग्रिडों के माध्यम से नवीनीकृत ऊर्जा साझा करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, जिससे इस पहल की व्यावहारिकता सिद्ध होती है।
आई.एस.ए. में विचार का प्रारंभ: हरित ग्रिड पहल का विचार पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आई.एस.ए.) की 2018 की बैठक में प्रस्तुत किया गया था। इस विचार ने वैश्विक सौर ऊर्जा के वितरण को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया।
सारांश में, हरित ग्रिड पहल एक सतत और आपस में जुड़ी वैश्विक ऊर्जा प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों के साथ मेल खाता है।
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जलवायु परिवर्तन का भारत पर प्रभाव 1. भारत पर सामान्य प्रभाव: **1. तापमान वृद्धि: तापमान में वृद्धि: भारत में औसत तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे अधिक ताप लहरें और गर्मियों में तीव्रता बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, 2015 की गर्मी लहर में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 2,000 से अधिक मौतें हुईं। **Read more
जलवायु परिवर्तन का भारत पर प्रभाव
1. भारत पर सामान्य प्रभाव:
**1. तापमान वृद्धि:
**2. चरम मौसम घटनाएँ:
**3. कृषि पर प्रभाव:
2. हिमालयी राज्यों पर प्रभाव:
**1. ग्लेशियरों का पिघलना:
**2. बाढ़ का बढ़ता खतरा:
**3. पर्यावरणीय विघटन:
3. समुद्रतटीय राज्यों पर प्रभाव:
**1. समुद्र स्तर की वृद्धि:
**2. नमक का प्रवेश:
**3. साधारण लहर:
निष्कर्ष: