‘जलवायु परिवर्तन’ एक वैश्विक समस्या है। भारत जलवायु परिवर्तन से किस प्रकार प्रभावित होगा ? जलवायु परिवर्तन के द्वारा भारत के हिमालयी और समुद्रतटीय राज्य किस प्रकार प्रभावित होंगे ? (250 words) [UPSC 2017]
भारतीय उपमहाद्वीप में बादल फटने की क्रियाविधि और घटना **1. क्रियाविधि: बादल फटना एक अत्यधिक तीव्र वर्षा की घटना है, जो आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। यह तब होता है जब गर्म और आर्द्र वायु अचानक ऊँचाई पर उठती है, जिससे कंडेन्सेशन और भारी वर्षा होती है। ओरोग्राफिक लिफ्टिंग (पहाड़ों द्वारा वायुRead more
भारतीय उपमहाद्वीप में बादल फटने की क्रियाविधि और घटना
**1. क्रियाविधि:
- बादल फटना एक अत्यधिक तीव्र वर्षा की घटना है, जो आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। यह तब होता है जब गर्म और आर्द्र वायु अचानक ऊँचाई पर उठती है, जिससे कंडेन्सेशन और भारी वर्षा होती है।
- ओरोग्राफिक लिफ्टिंग (पहाड़ों द्वारा वायु का उभार) और संवहन धारा की वजह से क्यूमुलोनिंबस बादल बनते हैं, जो एक संक्षिप्त अवधि में अत्यधिक मात्रा में वर्षा करते हैं।
**2. भारतीय उपमहाद्वीप में घटना:
- भारतीय उपमहाद्वीप, विशेषकर हिमालयी क्षेत्र और पश्चिमी घाट, में बादल फटने की घटनाएँ अक्सर होती हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों की जटिल भौगोलिक विशेषताएँ और उच्च आर्द्रता की स्थितियाँ अनुकूल होती हैं।
हाल के उदाहरण:
**1. हिमाचल प्रदेश (अगस्त 2021):
- अगस्त 2021 में किन्नौर जिले में बादल फटने से भारी बाढ़ और भूस्खलन हुआ। इस घटना ने सड़कों और इमारतों को क्षति पहुँचाई और कई लोगों की जान चली गई।
**2. उत्तराखंड (अक्टूबर 2022):
- अक्टूबर 2022 में चमोली जिले में बादल फटने के कारण तेज बाढ़ आई। यह घटना बड़े पैमाने पर संपत्ति और सड़कों को नुकसान पहुँचा और आपदा की तैयारी की आवश्यकता को उजागर किया।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि बादल फटने की घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन आवश्यक हैं।
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जलवायु परिवर्तन का भारत पर प्रभाव 1. भारत पर सामान्य प्रभाव: **1. तापमान वृद्धि: तापमान में वृद्धि: भारत में औसत तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे अधिक ताप लहरें और गर्मियों में तीव्रता बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, 2015 की गर्मी लहर में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 2,000 से अधिक मौतें हुईं। **Read more
जलवायु परिवर्तन का भारत पर प्रभाव
1. भारत पर सामान्य प्रभाव:
**1. तापमान वृद्धि:
**2. चरम मौसम घटनाएँ:
**3. कृषि पर प्रभाव:
2. हिमालयी राज्यों पर प्रभाव:
**1. ग्लेशियरों का पिघलना:
**2. बाढ़ का बढ़ता खतरा:
**3. पर्यावरणीय विघटन:
3. समुद्रतटीय राज्यों पर प्रभाव:
**1. समुद्र स्तर की वृद्धि:
**2. नमक का प्रवेश:
**3. साधारण लहर:
निष्कर्ष: