आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताओं की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं: कजरी: यह लोकगीत विशेषकर बारिश के मौसम में गाया जाता है। कजरी में प्रेम, प्रकृति और मौसम की विविधताएँ वर्णित होती हैं। इसकी मधुर धुनें और भावपूर्ण बोल लोकजीवन के उत्साह और मनोभावनाओंRead more
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं:
- कजरी: यह लोकगीत विशेषकर बारिश के मौसम में गाया जाता है। कजरी में प्रेम, प्रकृति और मौसम की विविधताएँ वर्णित होती हैं। इसकी मधुर धुनें और भावपूर्ण बोल लोकजीवन के उत्साह और मनोभावनाओं को दर्शाते हैं।
- चट्टी: विवाह और अन्य धार्मिक अवसरों पर गाया जाने वाला गीत है। इसमें पारंपरिक रीति-रिवाज, सामाजिक मान्यताएँ और लोक जीवन की झलक होती है। यह गीत महिलाओं द्वारा गाया जाता है और इसमें सामूहिक गान की परंपरा होती है।
- बिन्हा: यह गीत विशेषकर कृषि कार्य, जैसे फसल की कटाई के समय गाया जाता है। बिन्हा गीतों में ग्रामीण जीवन की खुशियाँ, मेहनत और कृषि से जुड़े अनुभव व्यक्त किए जाते हैं।
- सहरिया गीत: आदिवासी सहरिया समुदाय द्वारा गाए जाने वाले ये गीत उनकी जीवनशैली, संघर्ष और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। इनमें सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं की गहरी अभिव्यक्ति होती है।
इन लोकगीतों की प्रमुख विशेषताएँ हैं: उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक अभिव्यक्ति, पारंपरिक धुनें और स्थानीय जीवन की सजीवता। ये गीत पूर्वांचल की सांस्कृतिक समृद्धि और परंपराओं को संजोए हुए हैं।
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आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ 1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारRead more
आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ
1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारी संगमरमर का संयोजन देखने को मिलता है। इसमें दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसे भव्य कक्ष हैं, जो मुग़ल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं।
3. फतेहपुर सीकरी: फतेहपुर सीकरी में हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है। प्रमुख संरचनाएँ जैसे बलंद दरवाज़ा और जामा मस्जिद में जटिल नक्काशी और विशाल आंगन शामिल हैं।
4. इत्माद-उद-दौला का मकबरा: “बेबी ताज” के नाम से प्रसिद्ध, इस मकबरे में संगमरमर की जाली और इनले वर्क विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। यह मकबरा पूरी तरह से संगमरमर से निर्मित पहला मुग़ल भवन है।
इन स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ मुग़ल काल की शिल्पकला और भव्यता को उजागर करती हैं।
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