आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताओं की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण **1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है। **2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र कीRead more
बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण
**1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है।
**2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र की ख़ुश्क, चटटानी भूमि और जल की कमी इसके प्रमुख लक्षण हैं। गर्म और सूखा मौसम इसका मुख्य जलवायु है, जिसमें संक्षिप्त मानसून अवधि होती है।
**3. सांस्कृतिक महत्व: बुन्देलखंड अपने ऐतिहासिक किलों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ओरछा और झाँसी किला। यहाँ की विशिष्ट त्योहार जैसे बुन्देली तीज और पारंपरिक कला रूप जैसे बुन्देली लोक संगीत और नृत्य सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
**4. हालिया विकास: बुन्देलखंड ने जल संकट और आर्थिक समस्याएँ का सामना किया है, जिसके समाधान के लिए बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे और वाटरशेड विकास परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।
निष्कर्ष: बुन्देलखंड की भौगोलिक विशेषताएँ और सांस्कृतिक समृद्धि इसे भारत के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती हैं, और विकासात्मक चुनौतियों का समाधान इसके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
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आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ 1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारRead more
आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ
1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारी संगमरमर का संयोजन देखने को मिलता है। इसमें दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसे भव्य कक्ष हैं, जो मुग़ल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं।
3. फतेहपुर सीकरी: फतेहपुर सीकरी में हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है। प्रमुख संरचनाएँ जैसे बलंद दरवाज़ा और जामा मस्जिद में जटिल नक्काशी और विशाल आंगन शामिल हैं।
4. इत्माद-उद-दौला का मकबरा: “बेबी ताज” के नाम से प्रसिद्ध, इस मकबरे में संगमरमर की जाली और इनले वर्क विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। यह मकबरा पूरी तरह से संगमरमर से निर्मित पहला मुग़ल भवन है।
इन स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ मुग़ल काल की शिल्पकला और भव्यता को उजागर करती हैं।
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