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बुन्देलखंड का एक सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण प्रस्तुत कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण **1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है। **2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र कीRead more
बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण
**1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है।
**2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र की ख़ुश्क, चटटानी भूमि और जल की कमी इसके प्रमुख लक्षण हैं। गर्म और सूखा मौसम इसका मुख्य जलवायु है, जिसमें संक्षिप्त मानसून अवधि होती है।
**3. सांस्कृतिक महत्व: बुन्देलखंड अपने ऐतिहासिक किलों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ओरछा और झाँसी किला। यहाँ की विशिष्ट त्योहार जैसे बुन्देली तीज और पारंपरिक कला रूप जैसे बुन्देली लोक संगीत और नृत्य सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
**4. हालिया विकास: बुन्देलखंड ने जल संकट और आर्थिक समस्याएँ का सामना किया है, जिसके समाधान के लिए बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे और वाटरशेड विकास परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।
निष्कर्ष: बुन्देलखंड की भौगोलिक विशेषताएँ और सांस्कृतिक समृद्धि इसे भारत के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती हैं, और विकासात्मक चुनौतियों का समाधान इसके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
See lessउत्तर प्रदेश के 'पूर्वांचल क्षेत्र' में प्रचलित प्रमुख लोकगीतों का विवरण प्रस्तुत करते हुये उनकी प्रमुख विशेषताओं को उल्लिखित कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2022]
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं: कजरी: यह लोकगीत विशेषकर बारिश के मौसम में गाया जाता है। कजरी में प्रेम, प्रकृति और मौसम की विविधताएँ वर्णित होती हैं। इसकी मधुर धुनें और भावपूर्ण बोल लोकजीवन के उत्साह और मनोभावनाओंRead more
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं:
इन लोकगीतों की प्रमुख विशेषताएँ हैं: उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक अभिव्यक्ति, पारंपरिक धुनें और स्थानीय जीवन की सजीवता। ये गीत पूर्वांचल की सांस्कृतिक समृद्धि और परंपराओं को संजोए हुए हैं।
See lessउत्तर प्रदेश में मनाने जाने वाले विभिन्न त्योहारों का उल्लेख कीजिये । (125 Words) [UPPSC 2022]
उत्तर प्रदेश में विभिन्न त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और लोक परंपराओं से जुड़े हुए हैं: दीवाली: दीपों का त्योहार, जिसमें भगवान राम की वापसी और लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। होली: रंगों का त्योहार, जिसमें लोग रंग खेलते हैं और भांग का आनंद लेते हैं। दशहरा: रावण दहन के साथ भगवान राम की विजय का उत्सव।Read more
उत्तर प्रदेश में विभिन्न त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और लोक परंपराओं से जुड़े हुए हैं:
ये त्योहार उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं।
See less'हेरिटेज आर्क' क्या है? पर्यटन संभावनाओं की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में इसके महत्व को रेखांकित कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
'हेरिटेज आर्क' एक विशिष्ट वास्तु संरचना या द्वार है जो किसी क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश में हेरिटेज आर्क का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से रेखांकित किया जा सकता है: ऐतिहासिक महत्व: ये आर्क ऐतिहासिक घटनाओं, प्रमुख व्यक्तियों या प्राचीन वास्तुकला की शैलीRead more
‘हेरिटेज आर्क’ एक विशिष्ट वास्तु संरचना या द्वार है जो किसी क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश में हेरिटेज आर्क का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से रेखांकित किया जा सकता है:
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में हेरिटेज आर्क राज्य की पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
See lessउत्तर प्रदेश में स्थापित प्रथम आयुष विश्वविद्यालय के स्वरूप और उद्देश्यों की विवेचना कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश में स्थापित प्रथम आयुष विश्वविद्यालय के स्वरूप और उद्देश्यों की विवेचना परिचय उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय 2021 में गोरखपुर में स्थापित किया गया, जिसका नाम महर्षि विश्वविद्यालय ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आयुष विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, औRead more
उत्तर प्रदेश में स्थापित प्रथम आयुष विश्वविद्यालय के स्वरूप और उद्देश्यों की विवेचना
परिचय
उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय 2021 में गोरखपुर में स्थापित किया गया, जिसका नाम महर्षि विश्वविद्यालय ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आयुष विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, और होम्योपैथी (AYUSH) चिकित्सा प्रणालियों के शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
आयुष विश्वविद्यालय का स्वरूप
आयुष विश्वविद्यालय के उद्देश्य
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने, अनुसंधान को प्रोत्साहन देने और आधुनिक चिकित्सा के साथ समन्वय करके स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
See lessबौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान है। व्याख्या कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश का बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण स्थान 1. ऐतिहासिक महत्त्व: उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक दृष्टि से बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में एक केंद्रीय स्थान है। सारनाथ, जो आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है, बौद्ध धर्म के प्रारंभिक और महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक था। यहाँ गौRead more
उत्तर प्रदेश का बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण स्थान
1. ऐतिहासिक महत्त्व: उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक दृष्टि से बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में एक केंद्रीय स्थान है। सारनाथ, जो आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है, बौद्ध धर्म के प्रारंभिक और महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक था। यहाँ गौतम बुद्ध ने अपने पहले उपदेश, जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन के नाम से जाना जाता है, दिया था। इस घटना ने बौद्ध धर्म के विकास की दिशा तय की।
2. बौद्ध स्थल और स्तूप: उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण स्थल हैं, जैसे सारनाथ में धर्मराजिका स्तूप, मगध के नालंदा विश्वविद्यालय, और कुशीनगर में बुद्ध की महापरिनिर्वाण की जगह। इन स्थलों पर बौद्ध धर्म के अनुयायी और अध्ययनार्थी विश्वभर से आते हैं।
3. ऐतिहासिक अनुसंधान और उत्खनन: 19वीं और 20वीं सदी में उत्तर प्रदेश में बौद्ध धर्म से संबंधित महत्त्वपूर्ण उत्खनन और अनुसंधान किए गए। जैसे कि अलेक्जेंडर कनिंघम और फ्रांसिस बुकानन के प्रयासों ने बौद्ध स्थलों और स्तूपों की खोज को प्रोत्साहित किया।
4. बौद्ध धर्म के प्रसार में योगदान: उत्तर प्रदेश ने बौद्ध धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 1950 के दशक में बौद्ध धर्म को अपनाया और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया। उनके प्रयासों से विशेष रूप से दलित समुदाय में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार हुआ।
5. पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व: उत्तर प्रदेश में बौद्ध स्थलों का पर्यटन भी महत्वपूर्ण है। सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा इन स्थलों के संरक्षण और विकास के प्रयास किए गए हैं, जिससे बौद्ध धर्म के प्रचार में योगदान मिला है।
संक्षेप में, उत्तर प्रदेश का बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। इसके प्रमुख स्थलों और ऐतिहासिक अनुसंधानों ने बौद्ध धर्म को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया है।
See lessआगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताओं की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ 1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारRead more
आगरा के स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ
1. ताजमहल: ताजमहल अपनी सफेद संगमरमर की बाहरी सतह और मूलक आकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका गुम्बद फारसी प्रभाव को दर्शाता है और चारबाग (चार-बाग) उद्यान में स्थित है, जो स्वर्ग के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
2. आगरा किला: आगरा किला में लाल बलुआ पत्थर और मंगलकारी संगमरमर का संयोजन देखने को मिलता है। इसमें दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसे भव्य कक्ष हैं, जो मुग़ल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं।
3. फतेहपुर सीकरी: फतेहपुर सीकरी में हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है। प्रमुख संरचनाएँ जैसे बलंद दरवाज़ा और जामा मस्जिद में जटिल नक्काशी और विशाल आंगन शामिल हैं।
4. इत्माद-उद-दौला का मकबरा: “बेबी ताज” के नाम से प्रसिद्ध, इस मकबरे में संगमरमर की जाली और इनले वर्क विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। यह मकबरा पूरी तरह से संगमरमर से निर्मित पहला मुग़ल भवन है।
इन स्मारकों की वास्तुगत विशेषताएँ मुग़ल काल की शिल्पकला और भव्यता को उजागर करती हैं।
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