बुन्देलखंड का एक सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण प्रस्तुत कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं: कजरी: यह लोकगीत विशेषकर बारिश के मौसम में गाया जाता है। कजरी में प्रेम, प्रकृति और मौसम की विविधताएँ वर्णित होती हैं। इसकी मधुर धुनें और भावपूर्ण बोल लोकजीवन के उत्साह और मनोभावनाओंRead more
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई प्रमुख लोकगीत प्रचलित हैं, जो क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं:
- कजरी: यह लोकगीत विशेषकर बारिश के मौसम में गाया जाता है। कजरी में प्रेम, प्रकृति और मौसम की विविधताएँ वर्णित होती हैं। इसकी मधुर धुनें और भावपूर्ण बोल लोकजीवन के उत्साह और मनोभावनाओं को दर्शाते हैं।
- चट्टी: विवाह और अन्य धार्मिक अवसरों पर गाया जाने वाला गीत है। इसमें पारंपरिक रीति-रिवाज, सामाजिक मान्यताएँ और लोक जीवन की झलक होती है। यह गीत महिलाओं द्वारा गाया जाता है और इसमें सामूहिक गान की परंपरा होती है।
- बिन्हा: यह गीत विशेषकर कृषि कार्य, जैसे फसल की कटाई के समय गाया जाता है। बिन्हा गीतों में ग्रामीण जीवन की खुशियाँ, मेहनत और कृषि से जुड़े अनुभव व्यक्त किए जाते हैं।
- सहरिया गीत: आदिवासी सहरिया समुदाय द्वारा गाए जाने वाले ये गीत उनकी जीवनशैली, संघर्ष और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। इनमें सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं की गहरी अभिव्यक्ति होती है।
इन लोकगीतों की प्रमुख विशेषताएँ हैं: उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक अभिव्यक्ति, पारंपरिक धुनें और स्थानीय जीवन की सजीवता। ये गीत पूर्वांचल की सांस्कृतिक समृद्धि और परंपराओं को संजोए हुए हैं।
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बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण **1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है। **2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र कीRead more
बुन्देलखंड का सांस्कृतिक क्षेत्र के रूप में भौगोलिक विवरण
**1. भौगोलिक स्थिति: बुन्देलखंड मध्य भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों में फैला हुआ है। यह क्षेत्र यमुना नदी से उत्तर और केन नदी से दक्षिण में स्थित है।
**2. भूआकृति और जलवायु: इस क्षेत्र की ख़ुश्क, चटटानी भूमि और जल की कमी इसके प्रमुख लक्षण हैं। गर्म और सूखा मौसम इसका मुख्य जलवायु है, जिसमें संक्षिप्त मानसून अवधि होती है।
**3. सांस्कृतिक महत्व: बुन्देलखंड अपने ऐतिहासिक किलों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे ओरछा और झाँसी किला। यहाँ की विशिष्ट त्योहार जैसे बुन्देली तीज और पारंपरिक कला रूप जैसे बुन्देली लोक संगीत और नृत्य सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
**4. हालिया विकास: बुन्देलखंड ने जल संकट और आर्थिक समस्याएँ का सामना किया है, जिसके समाधान के लिए बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे और वाटरशेड विकास परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।
निष्कर्ष: बुन्देलखंड की भौगोलिक विशेषताएँ और सांस्कृतिक समृद्धि इसे भारत के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती हैं, और विकासात्मक चुनौतियों का समाधान इसके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
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