वैदिक साहित्य का परिचय दीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
प्राचीन भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में ग्रीक इतिहासकारों के विवरण महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। ग्रीक इतिहासकारों जैसे मेगस्थनीज़ और अर्रियन ने भारत की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्थितियों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है, जो उस समय की भारतीय सभ्यता को समझने में सहायक हैं।Read more
प्राचीन भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में ग्रीक इतिहासकारों के विवरण महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। ग्रीक इतिहासकारों जैसे मेगस्थनीज़ और अर्रियन ने भारत की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्थितियों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है, जो उस समय की भारतीय सभ्यता को समझने में सहायक हैं।
मेगस्थनीज़, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में राजदूत के रूप में भारत आए थे, ने अपने काम “इंडिका” में भारतीय समाज की संरचना और अर्थव्यवस्था पर विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने भारतीय समाज को जाति व्यवस्था में विभाजित बताया, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र वर्ग शामिल थे। उनके विवरण के अनुसार, भारतीय समाज में वैदिक परंपराएँ और धार्मिक प्रथाएँ गहरी जड़ें जमाए हुए थीं।
आर्थिक दृष्टिकोण से, मेगस्थनीज़ ने भारतीय व्यापार और उद्योग की स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय वस्त्र, जैसे सूती और रेशमी कपड़े, और मसाले, जैसे काली मिर्च और दारचीनी, की विदेशी व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। भारत की व्यापारिक समृद्धि और विदेशी व्यापार के प्रति उसका खुलापन ग्रीक इतिहासकारों द्वारा वर्णित किया गया है।
अर्रियन, जो अलेक्जेंडर द ग्रेट के अभियान के दौरान भारत के पश्चिमी भाग से संपर्क में आए थे, ने भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना पर अपने विवरण में जोड़ दिया। उन्होंने भारतीय नगरों की समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों की प्रशंसा की।
ये विवरण प्राचीन भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन की गहराई को समझने के लिए अमूल्य हैं और ग्रीक-भारतीय संपर्कों की ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करते हैं।
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वैदिक साहित्य का परिचय साहित्यिक अभिव्यक्ति: वैदिक साहित्य प्राचीन भारतीय साहित्य का आधारभूत अंग है, जो संस्कृत में लिखा गया है। यह साहित्य मुख्यतः वेदों, उपनिषदों, ब्रह्मणों, और आरण्यकों के रूप में उपलब्ध है। वेद: वैदिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग वेद हैं, जो ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेRead more
वैदिक साहित्य का परिचय
साहित्यिक अभिव्यक्ति: वैदिक साहित्य प्राचीन भारतीय साहित्य का आधारभूत अंग है, जो संस्कृत में लिखा गया है। यह साहित्य मुख्यतः वेदों, उपनिषदों, ब्रह्मणों, और आरण्यकों के रूप में उपलब्ध है।
वेद: वैदिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग वेद हैं, जो ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद के रूप में विभाजित हैं। ये ग्रंथ धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्रों, और वेदांत के ज्ञान का संग्रह हैं।
उपनिषद: उपनिषद वेदों के उपांग हैं जो दार्शनिक ज्ञान और ब्रह्मा (सर्वोच्च सत्य) के अध्ययन पर केंद्रित हैं। छांदोग्य उपनिषद और मुण्डक उपनिषद प्रमुख उदाहरण हैं।
ब्राह्मण और आरण्यक: ब्राह्मण वेदों की तात्त्विक और अनुष्ठानिक व्याख्या प्रदान करते हैं, जबकि आरण्यक वनवासियों के जीवन और साधना पर केंद्रित हैं।
आधुनिक संदर्भ: हाल ही में, वैदिक साहित्य के अध्ययन ने आधुनिक भाषाओं में अनुवाद और सांस्कृतिक पुनरावलोकन को प्रोत्साहित किया है, जैसे संस्कृत का पुनरुद्धार और वैदिक विद्या पर अनुसंधान।
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