विश्व शान्ति स्थापना में बौद्ध साहिन्य की भूमिका का वर्णन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
प्राचीन भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में ग्रीक इतिहासकारों के विवरण महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। ग्रीक इतिहासकारों जैसे मेगस्थनीज़ और अर्रियन ने भारत की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्थितियों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है, जो उस समय की भारतीय सभ्यता को समझने में सहायक हैं।Read more
प्राचीन भारत की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के बारे में ग्रीक इतिहासकारों के विवरण महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। ग्रीक इतिहासकारों जैसे मेगस्थनीज़ और अर्रियन ने भारत की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्थितियों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है, जो उस समय की भारतीय सभ्यता को समझने में सहायक हैं।
मेगस्थनीज़, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में राजदूत के रूप में भारत आए थे, ने अपने काम “इंडिका” में भारतीय समाज की संरचना और अर्थव्यवस्था पर विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने भारतीय समाज को जाति व्यवस्था में विभाजित बताया, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र वर्ग शामिल थे। उनके विवरण के अनुसार, भारतीय समाज में वैदिक परंपराएँ और धार्मिक प्रथाएँ गहरी जड़ें जमाए हुए थीं।
आर्थिक दृष्टिकोण से, मेगस्थनीज़ ने भारतीय व्यापार और उद्योग की स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय वस्त्र, जैसे सूती और रेशमी कपड़े, और मसाले, जैसे काली मिर्च और दारचीनी, की विदेशी व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। भारत की व्यापारिक समृद्धि और विदेशी व्यापार के प्रति उसका खुलापन ग्रीक इतिहासकारों द्वारा वर्णित किया गया है।
अर्रियन, जो अलेक्जेंडर द ग्रेट के अभियान के दौरान भारत के पश्चिमी भाग से संपर्क में आए थे, ने भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना पर अपने विवरण में जोड़ दिया। उन्होंने भारतीय नगरों की समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों की प्रशंसा की।
ये विवरण प्राचीन भारत के सामाजिक और आर्थिक जीवन की गहराई को समझने के लिए अमूल्य हैं और ग्रीक-भारतीय संपर्कों की ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करते हैं।
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बौद्ध साहिन्य की भूमिका विश्व शान्ति में अहिंसा और करुणा: बौद्ध साहिन्य का मूल सिद्धांत अहिंसा और करुणा है। यह दृष्टिकोण विश्व शान्ति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुद्ध की शिक्षाएँ, जैसे “अहिंसा परमो धर्मः” (अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है), शान्ति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देती हैं। द्विपक्षीयRead more
बौद्ध साहिन्य की भूमिका विश्व शान्ति में
अहिंसा और करुणा: बौद्ध साहिन्य का मूल सिद्धांत अहिंसा और करुणा है। यह दृष्टिकोण विश्व शान्ति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुद्ध की शिक्षाएँ, जैसे “अहिंसा परमो धर्मः” (अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है), शान्ति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देती हैं।
द्विपक्षीय संवाद: बौद्ध देशों और नेताओं ने द्विपक्षीय संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से विश्व शान्ति को बढ़ावा दिया है। उदाहरण के रूप में, म्यांमार और थाईलैंड में बौद्ध धर्म के अनुयायी शान्ति और सहनशीलता का संदेश फैलाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में योगदान: दलाई लामा जैसे बौद्ध नेताओं ने नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया है और वैश्विक शान्ति के लिए कार्यरत रहे हैं, जैसे शांति सम्मेलन और मध्यस्थता में सक्रिय भूमिका निभाई है।
बौद्ध साहिन्य ने अहिंसा और करुणा के माध्यम से विश्व शान्ति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया है।
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