उत्तर लेखन के लिए रोडमैप
1. प्रस्तावना
- उद्देश्य: स्थानीय स्व-शासी संस्थाओं (जैसे PRIs और ULBs) की भूमिका और महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत करें।
- संदर्भ: वित्तीय स्वायत्तता का स्थानीय शासन में महत्व।
2. वित्तीय स्रोत
A. स्वयं के राजस्व
- विवरण: स्थानीय स्व-शासी संस्थाएँ कर और गैर-कर स्रोतों से राजस्व उत्पन्न करती हैं।
- तथ्य: PRIs और ULBs अपने कुल राजस्व का केवल 6% स्वयं के स्रोतों से प्राप्त करती हैं, जबकि ब्राजील और जर्मनी में यह आंकड़ा 40% है (स्रोत: Comparative Governance Studies)।
B. केंद्र सरकार से अनुदान
- विवरण: अनुदान वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रदान किया जाता है।
- तथ्य: यह अनुदान स्थानीय स्व-शासन की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (स्रोत: अनुच्छेद 280, संविधान भारत)।
C. राज्य सरकारों से ऋण और सहायता अनुदान
- विवरण: राज्य सरकारें बुनियादी सेवाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
- तथ्य: ये अनुदान जलापूर्ति, स्वच्छता, और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए होते हैं (स्रोत: अनुच्छेद 243-I, संविधान भारत)।
D. राज्य-प्रायोजित योजनाओं के लिए निधियाँ
- विवरण: विकेंद्रीकृत योजनाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा धन दिया जाता है।
- तथ्य: यह राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर होता है (स्रोत: अनुच्छेद 243-I, संविधान भारत)।
3. वित्तीय स्थिति की चुनौतियाँ
- तथ्य: PRIs की 95% वित्तीय आवश्यकताएँ हस्तांतरण पर निर्भर होती हैं, जबकि ULBs का राजस्व GDP का केवल 1% है (स्रोत: आर्थिक सर्वेक्षण)।
4. वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के उपाय
A. कर क्षेत्राधिकार का विस्तार
- सिफारिश: PRIs का कर क्षेत्राधिकार ईंधन और छोटे उद्योगों जैसे विषयों को शामिल करें (स्रोत: स्थायी समिति रिपोर्ट)।
B. बेहतर निगरानी
- सिफारिश: केंद्र सरकार को अनुदानों के निर्गमन और व्यय की निगरानी बढ़ानी चाहिए (स्रोत: स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के लिए सिफारिशें)।
C. क्षमता निर्माण
- सिफारिश: कर्मचारियों का प्रशिक्षण और नई भर्ती की आवश्यकता है (स्रोत: स्थानीय स्व-शासन सुधार प्रस्ताव)।
D. संविधान के अनुच्छेद 280 में संशोधन
- सिफारिश: स्थानीय निकायों को ‘विभाज्य संसाधनों’ तक पहुँच प्रदान करने के लिए संशोधन आवश्यक है (स्रोत: संविधान समीक्षा प्रस्ताव)।
5. निष्कर्ष
- सारांश: स्थानीय स्व-शासी संस्थाओं की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के उपायों का पुनरावलोकन करें।
- कार्यवाही का आह्वान: उचित उपायों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दें।