उत्तर लेखन के लिए रोडमैप
1. परिचय
- कृषि का महत्व: अर्थव्यवस्था में योगदान और रोजगार।
- कृषि उत्पादकता में गिरावट और इसके प्रभाव।
2. प्रमुख चुनौतियाँ
- भूमि विखंडन: छोटे खेत और उनके आर्थिक प्रभाव।
- मानसून पर निर्भरता: जलवायु परिवर्तन और सूखे का खतरा।
- मृदा क्षरण: रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग।
- कम अनुसंधान एवं विकास: कृषि में अनुसंधान में कमी।
- कृषि विपणन में अक्षमता: किसानों को कम मूल्य मिलना।
3. प्रभावी उपाय
- भूमि चकबंदी: सहकारी खेती को बढ़ावा देना।
- सिंचाई व्यवस्थाओं का सुधार: सूक्ष्म सिंचाई और जल संरक्षण।
- अनुसंधान और विकास में वृद्धि: सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- कृषि विपणन में सुधार: e-NAM और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग।
- संधारणीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा: जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि।
4. निष्कर्ष
- कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करते हुए स्थिरता और दक्षता को बढ़ाना आवश्यक है।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी और नीति सुधारों की आवश्यकता।
मॉडल उत्तर
परिचय
भारत का कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो 46.1% कार्यबल को रोजगार प्रदान करता है और सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हालाँकि, इस क्षेत्र में उत्पादकता में गिरावट आई है, जो किसानों की आय पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
प्रमुख चुनौतियाँ
प्रभावी उपाय
आगे की राह
भारत के कृषि क्षेत्र ने प्रगति की है, लेकिन भूमि विखंडन, मानसून पर निर्भरता और मृदा क्षरण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों का समाधान करते हुए स्थिरता और दक्षता को बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी और नीति सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
भारत में कृषि उत्पादकता को बाधित करने वाली प्रमुख चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
प्रमुख चुनौतियाँ:
उपाय:
इन उपायों के माध्यम से, भारत में कृषि की स्थिरता और दक्षता में वृद्धि की जा सकती है।