उत्तर लिखने की रोडमैप
- प्रस्तावना
- प्रश्न को स्पष्ट रूप से समझें। भूकंप और ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण दोनों प्राकृतिक घटनाएँ हैं, जो पृथ्वी की प्लेटों के बीच गतिविधियों से संबंधित हैं।
- इन दोनों घटनाओं का स्थानिक वितरण एक समान पैटर्न का अनुसरण करता है और ये निश्चित क्षेत्रों (बेल्ट्स) में पाए जाते हैं।
- भूकंप और ज्वालामुखी के बीच संबंध
- भूकंप और ज्वालामुखी दोनों प्लेट विवर्तनिकी (plate tectonics) सिद्धांत से जुड़े होते हैं।
- प्लेटों के आपसी संपर्क, जैसे अभिसरण (convergence) और अपसरण (divergence) के कारण इन घटनाओं का निर्माण होता है।
- मुख्य ज्वालामुखी बेल्ट्स
- परि-प्रशांत महासागरीय पेटी
- यह सबसे सक्रिय ज्वालामुखी बेल्ट है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है। इसमें जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के तटीय क्षेत्रों में ज्वालामुखी होते हैं।
- मध्य-महाद्वीपीय पेटी
- यह यूरोप, एशिया, भूमध्य सागर और अफ्रीका के पूर्वी हिस्से में स्थित है। इसमें हिमालय, अल्पाइन पर्वत श्रृंखलाएँ और भूमध्यसागरीय क्षेत्र शामिल हैं।
- मध्य-महासागरीय कटक पेटी
- यह पेटी महासागर के गहरे क्षेत्रों में स्थित है, विशेष रूप से मध्य-अटलांटिक कटक में, जहाँ प्लेटें एक दूसरे से दूर हो रही हैं और ज्वालामुखी गतिविधि होती है।
- परि-प्रशांत महासागरीय पेटी
- भूकंप और ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण
- भूकंपों और ज्वालामुखियों का वितरण समान पैटर्न का अनुसरण करता है। यह स्पष्ट करता है कि दोनों घटनाएँ प्लेट विवर्तनिकी से संबंधित हैं।
- उदाहरण: “The largest earthquakes and volcanic eruptions occur along plate boundaries.”
- निष्कर्ष
- भूकंप और ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण यह दर्शाता है कि ये दोनों घटनाएँ पृथ्वी के आंतरिक संरचना, प्लेटों की गति और उनके आपसी संपर्क से जुड़ी हुई हैं।
- इन घटनाओं को समझने के लिए प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत का अध्ययन आवश्यक है।
उत्तर में प्रयुक्त तथ्यों के स्रोत और विवरण
- पृथ्वी की प्लेट विवर्तनिकी
- भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ प्लेटों के आपसी संपर्क, जैसे अभिसरण (convergence) और अपसरण (divergence) के कारण होती हैं। ये सीमाएँ प्रबल भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ उत्पन्न करती हैं।
- परि-प्रशांत महासागरीय पेटी (Ring of Fire)
- यह पेटी प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है और यहाँ पृथ्वी के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं। इसमें जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, और उत्तर व दक्षिण अमेरिकी तटीय क्षेत्र आते हैं।
- मध्य-महाद्वीपीय पेटी
- यह पेटी भूमध्य सागर, हिमालय और अफ्रीका के पूर्वी हिस्से के भ्रंश क्षेत्रों में स्थित है, जहाँ ज्वालामुखी गतिविधियाँ देखने को मिलती हैं।
- मध्य-महासागरीय कटक पेटी
- यह पेटी महासागरीय प्लेटों के विभाजन क्षेत्र में स्थित है, जहाँ प्लेटें एक दूसरे से दूर हो रही हैं, जिससे ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती हैं।
- भूकंपों और ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण
- भूकंप और ज्वालामुखी दोनों ही प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत से जुड़े हुए हैं, और इनका वितरण समान बेल्ट्स में पाया जाता है।
दुनिया भर में ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण विशिष्ट क्षेत्रों या बेल्ट्स में केंद्रित है। ये क्षेत्र प्रायः भूकंपीय गतिविधियों से जुड़े होते हैं। मुख्य ज्वालामुखी बेल्ट्स में शामिल हैं:
1. प्रशांत रिंग ऑफ फायर: यह बेल्ट प्रशांत महासागर के चारों ओर फैली हुई है, जहां कई ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियां होती हैं।
2. मेडिटेरेनियन-हिमालयन बेल्ट: यह बेल्ट यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच फैली हुई है, जहां कई ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियां होती हैं।
इन क्षेत्रों में ज्वालामुखी गतिविधि का कारण प्लेट टेक्टोनिक्स और मैंटल प्लूम्स की गतिविधि है। ये क्षेत्र प्रायः भूकंपीय गतिविधियों से जुड़े होते हैं, जो ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
उत्तर का मुख्य ध्यान ज्वालामुखियों और भूकंप के स्थानिक वितरण की समानताओं पर केंद्रित है, लेकिन इसमें गहराई और विशिष्ट आंकड़ों की कमी है। प्रशांत रिंग ऑफ फायर और मेडिटेरेनियन-हिमालयन बेल्ट का उल्लेख सही है, लेकिन और अधिक तथ्यात्मक विवरण इसे अधिक सटीक बनाएंगे।
मिसिंग फैक्ट्स/डेटा:
ग्लोबल आंकड़े: लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी प्रशांत रिंग ऑफ फायर में स्थित हैं। यह उल्लेखित नहीं है।
प्लेट सीमा का विवरण: प्लेट टेक्टोनिक्स के प्रकार, जैसे कि कन्वर्जेंट, डायवर्जेंट और ट्रांसफॉर्म, तथा उनकी भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए।
उदाहरण: अन्य बेल्ट्स जैसे मिड-अटलांटिक रिज और भूकंप-गहराई का अंतर (उथले डायवर्जेंट क्षेत्रों में और गहरे सबडक्शन क्षेत्रों में) शामिल होना चाहिए।
Dhruv आप इस फीडबैक का भी उपयोग कर सकते हैं।
ज्वालामुखी प्रकार: स्ट्रैटोवोल्केनो और शील्ड वोल्केनो का उल्लेख कर उनके प्रकारों को जोड़ा जा सकता है।
फीडबैक: उत्तर संरचनात्मक रूप से अच्छा है और सही दिशाओं में इंगित करता है। परंतु यह आंकड़ों, उदाहरणों और गहराई की कमी के कारण अधूरा लगता है। अतिरिक्त वैज्ञानिक तथ्यों और व्यापक विवरण इसे और प्रभावशाली बनाएंगे।
मॉडल उत्तर
ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण भी भूकंपों की तरह पृथ्वी की विभिन्न प्लेटों के बीच के क्षेत्र में केंद्रित है। यह वितरण भूपर्पटी में भ्रंशों, प्लेट सीमाओं और विखंडन क्षेत्रों से संबंधित होता है, जिनके कारण ये प्राकृतिक घटनाएं उत्पन्न होती हैं।
प्रमुख ज्वालामुखी बेल्ट्स
यह पेटी दुनिया में सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है। इसमें उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया के पूर्वी तट, जापान, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे द्वीप समूह शामिल हैं। यहाँ के ज्वालामुखी उपग्रह प्लेटों के आपसी संपर्क से उत्पन्न होते हैं, जो अक्सर शक्तिशाली भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधि का कारण बनते हैं।
यह पेटी यूरोप और एशिया के अल्पाइन और हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के माध्यम से विस्तृत है। इसके अंतर्गत भूमध्य सागर और अफ्रीका के पूर्वी हिस्से के भ्रंश क्षेत्र आते हैं, जहां सक्रिय ज्वालामुखी होते हैं। यहाँ के ज्वालामुखी महाद्वीपीय प्लेटों की सीमाओं के अभिसरण और अपसरण से उत्पन्न होते हैं।
इस बेल्ट में मध्य-अटलांटिक कटक और अन्य महासागरीय क्षेत्रों के ज्वालामुखी शामिल हैं। ये ज्वालामुखी प्लेटों के विखंडन क्षेत्र में स्थित होते हैं, जहां दो प्लेटें एक दूसरे से दूर हो रही होती हैं। इससे लावा का प्रवाह होता है और नए महासागरीय बिस्तर का निर्माण होता है।
भूकंप और ज्वालामुखियों के बीच संबंध
भूकंप और ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण यह साबित करता है कि ये दोनों घटनाएँ प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत से जुड़ी हैं। प्लेटों की गति, उनके अभिसरण, और अपसरण के कारण पृथ्वी की आंतरिक ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती है।
ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण भूकंपों की तरह प्लेट सीमाओं और भ्रंश क्षेत्रों में केंद्रित होता है। ये घटनाएँ पृथ्वी की आंतरिक संरचना और प्लेटों की गतियों से गहरे जुड़े हुए हैं।
दुनिया भर में ज्वालामुखियों का वितरण भूकंपों की तरह ही विशिष्ट क्षेत्रों या बेल्ट्स में केंद्रित है। इनमें प्रमुख रूप से ‘प्रशांत महासागर का अग्निवलय’ (Ring of Fire) शामिल है, जो प्रशांत महासागर के किनारों के आसपास स्थित है और उच्च भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में पाया जाता है।
इस क्षेत्र में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण कई ज्वालामुखी सक्रिय हैं।
इसके अतिरिक्त, मध्य-विश्व पर्वत बेल्ट और अफ्रीकी रिफ्ट वैली बेल्ट भी ज्वालामुखियों के वितरण के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।
ज्वालामुखियों का यह स्थानिक वितरण टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता से गहराई से जुड़ा हुआ है, जहां प्लेटों के संघटन, विचलन या परस्पर टकराव के परिणामस्वरूप ज्वालामुखी गतिविधियां होती हैं।
इस प्रकार, ज्वालामुखियों का वितरण भूकंपों की भांति निश्चित क्षेत्रों में केंद्रित है, जो पृथ्वी की आंतरिक गतिशीलता और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों को दर्शाता है।
उत्तर में ज्वालामुखियों और भूकंपों के स्थानिक वितरण की चर्चा की गई है, लेकिन यह अधिक विवरण और तथ्यात्मक जानकारी से और सशक्त हो सकता है।
मिसिंग फैक्ट्स/डेटा:
सांख्यिकी: प्रशांत “रिंग ऑफ फायर” में 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% भूकंप आते हैं, जिसका उल्लेख नहीं किया गया।
प्लेट सीमाओं का विवरण: कन्वर्जेंट, डायवर्जेंट, और ट्रांसफॉर्म सीमाओं पर विभिन्न ज्वालामुखी और भूकंप गतिविधियों का वर्णन नहीं है।
Parth आप इस फीडबैक का भी उपयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: मध्य-अटलांटिक रिज और हिमालय क्षेत्र जैसे स्थानों का उदाहरण देना चाहिए था।
ज्वालामुखी प्रकार: विभिन्न प्रकार के ज्वालामुखी, जैसे स्ट्रैटोवोल्केनो और शील्ड वोल्केनो, का उल्लेख इसे अधिक वैज्ञानिक बना सकता है।
गहराई और तीव्रता: भूकंप की गहराई और तीव्रता में भिन्नता, विशेषकर सबडक्शन क्षेत्रों में, जोड़ना चाहिए।
फीडबैक: उत्तर संतुलित है लेकिन यह गहराई और आंकड़ों की कमी के कारण अधूरा लगता है। वैज्ञानिक तथ्य और व्यापक उदाहरण इसे और प्रभावशाली बना सकते हैं।
दुनिया भर में ज्वालामुखियों का वितरण भूकंपों की भांति निश्चित क्षेत्रों या बेल्ट्स में केंद्रित है। ये क्षेत्र मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर स्थित हैं, जहां प्लेटों की गतिविधियों के कारण ज्वालामुखी और भूकंप दोनों की घटनाएं सामान्य हैं।
प्रमुख ज्वालामुखी बेल्ट्स:
निष्कर्ष:
ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता से जुड़ा है, जिससे वे भूकंपों की भांति निश्चित क्षेत्रों में केंद्रित होते हैं।
यह उत्तर स्पष्ट और तथ्यपूर्ण है, लेकिन इसे अधिक गहराई और विशिष्ट उदाहरणों से बेहतर बनाया जा सकता है। इसमें ज्वालामुखियों और भूकंपों के स्थानिक वितरण को टेक्टोनिक प्लेट गतिशीलता से जोड़कर प्रस्तुत किया गया है, जो सही है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण डेटा और विवरण छूट गए हैं:
मिसिंग फैक्ट्स/डेटा:
प्रशांत रिंग ऑफ फायर का विवरण: इस क्षेत्र में लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% भूकंप होते हैं। यह सांख्यिकीय तथ्य जोड़ने से उत्तर मजबूत होगा।
मध्य-अटलांटिक रिज: मिड-ओशैनिक रिफ्ट और उसके डायवर्जेंट प्लेट सीमाओं पर ज्वालामुखी गतिविधि का उल्लेख गायब है।
Purush आप इस फीडबैक का भी उपयोग कर सकते हैं।
भूकंप के साथ संबंध: उपसतह भूकंपों और ज्वालामुखी विस्फोटों के बीच संबंध को और बेहतर समझाया जा सकता है।
उदाहरण: आइसलैंड, जापान, और इंडोनेशिया जैसे देशों के विशेष ज्वालामुखी विस्फोट और उनसे जुड़े भूकंपों का विवरण जोड़ा जा सकता है।
फीडबैक:
उत्तर सटीक है लेकिन इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सांख्यिकीय आंकड़े, भूगोलिक विविधता और हालिया घटनाओं का उपयोग करना चाहिए। यह इसे अधिक विश्लेषणात्मक और व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
दुनिया भर में ज्वालामुखियों का वितरण भूकंपों की तरह ही विशिष्ट क्षेत्रों या बेल्ट्स में केंद्रित है। ये क्षेत्र मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर स्थित हैं, जहां प्लेटों की गतिविधियों के कारण ज्वालामुखी और भूकंप दोनों की घटनाएं सामान्य हैं।
प्रमुख ज्वालामुखी बेल्ट्स:
हाल की घटनाएं:
निष्कर्ष:
ज्वालामुखियों का स्थानिक वितरण मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता से जुड़ा है, जिससे वे भूकंपों की भांति निश्चित क्षेत्रों में केंद्रित होते हैं। हाल की घटनाएं इस वितरण और गतिविधि की पुष्टि करती हैं।
यह उत्तर समग्र रूप से सही दिशा में है, लेकिन इसे और अधिक गहराई और तथ्यात्मक समर्थन से बेहतर बनाया जा सकता है। इसमें ज्वालामुखियों और भूकंपों के वितरण के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और उदाहरण गायब हैं।
मिसिंग फैक्ट्स/डेटा:
सांख्यिकी: प्रशांत “Ring of Fire” में लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं, और 90% भूकंप इसी क्षेत्र में होते हैं। यह उल्लेखित नहीं है।
प्लेट सीमाओं का वर्गीकरण: कन्वर्जेंट, डायवर्जेंट, और ट्रांसफॉर्म सीमाओं के बीच भिन्नता को और स्पष्ट किया जा सकता था।
Preetam आप इस फीडबैक का भी उपयोग कर सकते हैं।
ज्वालामुखी और भूकंप की गहराई: सबडक्शन ज़ोन में गहरे भूकंप और डायवर्जेंट सीमाओं पर उथले भूकंप का उल्लेख करना चाहिए।
मध्य-अटलांटिक रिज: मिड-अटलांटिक रिज, एक प्रमुख डायवर्जेंट सीमा, का उल्लेख छूट गया है।
हालिया घटनाओं का विवरण: आइसलैंड और रूस की घटनाओं का वर्णन सही है, लेकिन भूकंपों के साथ इनके संबंध को और स्पष्ट किया जा सकता था।
फीडबैक:
उत्तर संतुलित और संगठित है, लेकिन अधिक वैज्ञानिक गहराई और व्यापक भौगोलिक उदाहरण इसे और मजबूत बनाएंगे। साथ ही, भूकंप और ज्वालामुखी के वितरण के बीच अंतर पर भी चर्चा करनी चाहिए थी।
परिचय
भूकंप और ज्वालामुखी प्राकृतिक पृथ्वी क्रियाएँ हैं जिनका पृथ्वी के चेहरे के निर्माण में प्रभावशाली प्रभाव पड़ता है। “कुछ हद तक” दो घटनाएं, यानी भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियाँ मुख्य रूप से कुछ भौगोलिक स्थानों पर होती हैं, विशेष रूप से कुछ अक्षांशों या पट्टियों में। एलोक्लिनल विवर्तनिक प्लेट गतिविधि से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ हैः पृथ्वी का स्थलमण्डल कठोर प्लेटों में विभाजित है जो गति में हैं और परस्पर क्रिया करते हैं और ऐसा करने पर ऊर्जा छोड़ते हैं। इस अंतरिक्ष-काल द्वारा वर्णित ज्वालामुखी और भूकंपों के बीच संयुग्म प्लेट विवर्तनिकी पर आधारित है।
प्लेट टेक्टोनिक्स और इसकी भूमिकाएँ
प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत, प्लेटों की गति और अंतःक्रिया की समझ भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए पर्यावरण का निर्माण करती है।
– अभिसारी सीमाएँः उनमें प्लेट टकराव भी शामिल है जो सबडक्शन की ओर ले जाता है, इसलिए भूकंप बेल्ट और ज्वालामुखीय चाप को जन्म देता है। –
– अलग-अलग सीमाएँः विवर्तनिक प्लेटें अलग हो जाती हैं और मैग्मा सतह पर आने में सक्षम होता है, जिससे समुद्र के बीच में कटकें और बहुत सारे भूकंप आते हैं।
– चलती सीमाएँः एक दूसरे के साथ टेक्टोनिक प्लेटें आंदोलनों का कारण बनती हैं जो भूकंप के उत्पादन की ओर ले जाती हैं, लेकिन शायद ही कोई ज्वालामुखी गतिविधि।
प्रमुख भूकंप पट्टियाँ
1. सर्कम-पैसिफिक बेल्ट (रिंग ऑफ फायर) सबसे खतरनाक क्षेत्र है, जहाँ विशाल भूकंप और कई ज्वालामुखी प्रशांत महासागर के घेरे के आसपास स्थित हैं। इन्हें विकसित आंशिक प्रशांत राज्यों के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इनमें जापान, अलास्का और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र शामिल हैं।
2. अल्पाइड बेल्टः जावा और सुमात्रा से हिमालय तक और ठीक नीचे भूमध्य सागर तक फैला हुआ है। इसके अलावा महाद्वीपीय टकराव और सबडक्शन के कारण भूकंप की दर सबसे अधिक है।
3. मध्य-अटलांटिक रिज बेल्टः मध्य-अटलांटिक रिज पर स्थित है जहां हालांकि यह एक रचनात्मक मार्जिन नहीं है, विवर्तनिक प्लेटों के विचलन के कारण मैग्मा के ढेर बढ़ते हैं। यह तनाव बल के परिणामस्वरूप हल्के भूकंपों के साथ होता है।
प्रमुख ज्वालामुखीय बेल्ट
1. सर्कम-पैसिफिक बेल्ट (ओशनिक प्लेट मार्जिन) वे यहाँ सबडक्शन मार्जिन के साथ विशेष रूप से एंडीज, जापान और फिलीपींस में पाए जाते हैं। यह काफी हद तक रिंग ऑफ फायर भूकंप क्षेत्र के साथ भी प्रतिच्छेद करता है।
भूमध्यसागरीय से पूर्वी अफ्रीका के अन्य क्षेत्रों तक फैले पर्वत मध्य-महाद्वीपीय बेल्ट (महाद्वीपीय प्लेट मार्जिन) बनाते हैं।
E.g. अर्थात्, ये उच्च भूकंपीय क्षेत्र विवर्तनिक संपीड़न के उन क्षेत्रों के साथ मेल खाते हैं।
मध्य-महासागर रिज बेल्टः –
यह मध्य-अटलांटिक रिज जैसी अलग-अलग सीमाओं के साथ ज्वालामुखियों का स्थान है।
– इसलिए, उन क्षेत्रों के लिए एक काफी सुसंगत भूकंप वितरण पाया जा सकता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, ज्वालामुखियों और भूकंपों का स्थानिक वितरण विवर्तनिक प्लेट सीमाओं के साथ निकटता से संबंधित है और इसलिए, दोनों घटनाओं के लिए स्थलमंडलीय गतिकी में एक सामान्य उत्पत्ति का संकेत देता है। इस संबंध में, इन दो घटनाओं को बेल्ट में अच्छी तरह से उदाहरण दिया जा सकता है, जैसे रिंग ऑफ फायर, अल्पाइड बेल्ट और मध्य-महासागर कटक, जहां वे होते हैं।
यह उत्तर समग्र रूप से विषय को समझाने में प्रभावशाली है और भूकंप एवं ज्वालामुखियों के स्थानिक वितरण को विवर्तनिक प्लेटों की गतिशीलता से जोड़ता है। उत्तर में प्रमुख पट्टियों (रिंग ऑफ फायर, अल्पाइड बेल्ट, मध्य-अटलांटिक रिज) और प्लेट सीमाओं के प्रकारों का उल्लेख है, जिससे विषय को संतुलित तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
मिसिंग तथ्य/डेटा:
सांख्यिकीय जानकारी: जैसे कि रिंग ऑफ फायर में लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% भूकंप होते हैं।
भूगर्भीय प्रक्रियाएँ: “सबडक्शन जोन” और “हॉटस्पॉट ज्वालामुखियों” जैसे कारकों पर अधिक चर्चा होनी चाहिए।
आधुनिक उदाहरण: हाल के ज्वालामुखी विस्फोट (जैसे 2023 में रूस का शिवेलुच या आइसलैंड) और उनके प्रभाव का उल्लेख किया जा सकता है।
Anita आप इस फीडबैक का भी उपयोग कर सकते हैं।
विस्तार: अफ्रीकी रिफ्ट वैली और अल्पाइड बेल्ट के वितरण और भूगर्भीय महत्त्व पर अधिक विवरण।
फीडबैक:
उत्तर संरचनात्मक रूप से सही है लेकिन विशिष्ट आँकड़ों, वर्तमान घटनाओं और भूगर्भीय दृष्टिकोण की गहराई के साथ इसे और सटीक बनाया जा सकता है।