दो राष्ट्रों के बीच लोगों के मुक्त आवागमन का जहाँ तक सवाल है. भारत ने नेपाल और भूटान के साथ मुक्त द्वार नीति क्यों अपनाया है? समझाइए। [64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2018]
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भारत ने नेपाल और भूटान के साथ मुक्त द्वार नीति (Open Door Policy) क्यों अपनाई, इसका कारण है दोनों देशों के साथ ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों का मजबूत होना। इस नीति का उद्देश्य इन देशों के साथ पारस्परिक सहयोग, आर्थिक वृद्धि और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
नेपाल और भूटान के साथ मुक्त द्वार नीति का उद्देश्य
1. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
नेपाल और भूटान, भारत के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देश हैं। इन देशों के बीच जातीय, धार्मिक और सांस्कृतिक समानताएँ हैं, जो पारंपरिक तौर पर भारत के साथ गहरे रिश्तों में तब्दील हुई हैं। भारत ने इन देशों के साथ इस नीति को अपनाकर अपने सांस्कृतिक और सामरिक संबंधों को और भी मजबूत किया है।
2. आर्थिक सहयोग
मुक्त द्वार नीति के तहत भारत ने दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य नेपाल और भूटान के लोगों को भारत में रहने, काम करने और व्यापार करने का अवसर देना है, जिससे इन देशों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। उदाहरण के तौर पर, नेपाल और भूटान से भारत आने-जाने में कोई विशेष प्रतिबंध नहीं होते, जो व्यापार के लिए लाभकारी है।
3. सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय
भारत के लिए, नेपाल और भूटान दोनों ही सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन देशों की भौगोलिक स्थिति भारत के सुरक्षा हितों से जुड़ी हुई है। चीन का बढ़ता प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बीच, भारत ने नेपाल और भूटान के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए मुक्त आवागमन की नीति अपनाई है, ताकि किसी भी प्रकार के संकट में इन देशों से सहयोग प्राप्त किया जा सके।
4. नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी
भारत की “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” के तहत, इन देशों के साथ मुक्त आवागमन और सहयोग को बढ़ावा देने का उद्देश्य दक्षिण एशिया में भारत की नेतृत्व क्षमता को स्थापित करना है। यह नीति विशेष रूप से भारत को क्षेत्रीय संतुलन और सहयोग में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है। नेपाल और भूटान के लिए भी, यह नीति आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता की ओर बढ़ने का एक जरिया बनती है।
नेपाल और भूटान के लिए लाभ
आलोचनात्मक दृष्टिकोण
हालाँकि, मुक्त आवागमन की नीति कई अवसरों के साथ साथ कुछ चुनौतियाँ भी पेश करती है। विशेष रूप से सुरक्षा मामलों में, इस नीति का दुरुपयोग हो सकता है, जैसे कि अवैध प्रवास या आतंकवाद का खतरा। इसलिए इस नीति को संतुलित तरीके से लागू करना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
भारत ने नेपाल और भूटान के साथ मुक्त द्वार नीति अपनाकर न केवल इन देशों के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा दिया, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को भी सुदृढ़ किया। यह नीति दोनों देशों और भारत के लिए लाभकारी साबित हो रही है, हालांकि इसे सतर्कता और संतुलन के साथ लागू करना जरूरी है।