भारत में गरीबी के अनुमान पर चर्चा करते हुए गरीबी के लिये जिम्मेदार कारकों की व्याख्या करें। भारत सरकार द्वारा गरीबी दूर करने के लिये कौन-कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? [63वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2017]
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भारत में गरीबी के अनुमान और इसके जिम्मेदार कारक
भारत में गरीबी एक जटिल और गंभीर समस्या है, जिसे कई सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारणों से बढ़ावा मिलता है। गरीबी का अनुमान भारतीय सरकार विभिन्न मानकों के आधार पर करती है, जो जीवनस्तर, आय, और विभिन्न सामाजिक कारकों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किए जाते हैं।
गरीबी का अनुमान
भारत में गरीबी का अनुमान मुख्यतः राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) और सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) द्वारा किया जाता है। इन आंकड़ों के आधार पर, सरकार यह निर्धारित करती है कि कितने प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे हैं।
गरीबी के जिम्मेदार कारक
उदाहरण: भारत में एक ओर जहां आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, और सेवाओं के क्षेत्र में उन्नति हो रही है, वहीं कृषि क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में लोग अभी भी गरीबी के शिकार हैं।
भारत सरकार द्वारा गरीबी दूर करने के लिए चलाए जा रहे प्रमुख कार्यक्रम
भारत सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत कर चुकी है, जिनका उद्देश्य गरीबों की जीवनशैली को सुधारना है।
उदाहरण: कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज और राशन प्रदान किया था।
उदाहरण: इस योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार दिया गया है, जिससे गरीबी में कमी आई है।
उदाहरण: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों गरीबों को अपना घर मिला है, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है।
उदाहरण: करोड़ों गरीब लोगों को subsidized अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उनकी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो रही हैं।
निष्कर्ष
भारत में गरीबी एक गंभीर समस्या है, लेकिन सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों से इसमें कुछ हद तक कमी आई है। हालांकि, गरीबी को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए अधिक समग्र और दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता है। गरीबी उन्मूलन के लिए रोजगार के अवसरों का निर्माण, शिक्षा में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता बेहद महत्वपूर्ण हैं।