टू प्लस टू वार्ता क्या है? भारत एवं ईरान के द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में भारत एवं अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता को स्पष्ट कीजिये। [63वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2017]
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“टू प्लस टू वार्ता” (2+2 Dialogue) एक उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता का रूप है, जिसमें दो देशों के विदेश और रक्षा मंत्री एक साथ मिलकर अपने देशों के बीच सहयोग और मुद्दों पर चर्चा करते हैं। यह एक प्रकार की व्यापक और गहरे रणनीतिक संवाद प्रक्रिया है जो देशों के रिश्तों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जाती है।
इसका नाम “टू प्लस टू” इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें दो मंत्रालयों, यानी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के मंत्री शामिल होते हैं। यह वार्ता आमतौर पर सुरक्षा, रणनीतिक साझेदारी, और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित होती है।
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता एक महत्वपूर्ण कदम था जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का उद्देश्य रखता है। इस वार्ता में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भाग लिया।
1. भारत-ईरान के संबंधों के संदर्भ में टू प्लस टू वार्ता
2. भारत की स्थिति:
3. टू प्लस टू वार्ता का उद्देश्य:
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के मुख्य बिंदु:
निष्कर्ष
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम था, जो दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के साथ-साथ सुरक्षा, आतंकवाद और सामरिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा। हालांकि, ईरान जैसे देशों के साथ भारत के रिश्तों को संतुलित करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन भारत ने हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है और अमेरिका के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत किया है।