“भारतीय राजनीतिक दलीय व्यवस्था राष्ट्रोन्मुखी न होकर व्यक्ति उन्मुखी है।” इस तथ्य को बिहार राज्य के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट कीजिये। [65वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2019]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
भारतीय राजनीतिक दलों की कार्यप्रणाली पर व्यक्ति-उन्मुखता का आरोप लंबे समय से लगाया जाता रहा है। बिहार की राजनीति इस समस्या का विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है, जहाँ व्यक्ति-उन्मुखी नेतृत्व और परिवारवाद व्यापक रूप से प्रभावी हैं।
बिहार में राजनीतिक दलीय व्यवस्था की व्यक्ति-उन्मुखी प्रवृत्ति
इसके परिणाम
समाधान और संभावनाएँ
निष्कर्ष
बिहार में राजनीतिक दलीय व्यवस्था का व्यक्ति-उन्मुखी होना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए चुनौती है। हालांकि, इसके समाधान के लिए संस्थागत सुधार, जनता की जागरूकता, और दलीय संरचना का लोकतंत्रीकरण आवश्यक है। यह न केवल बिहार बल्कि समग्र भारतीय राजनीति को भी राष्ट्रोन्मुखी बनाने में सहायक होगा