‘नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक, 2021’ के अनुसार, भारत के 19 बड़े राज्यों में से बिहार का स्थान 18वाँ है। इस राज्य में, इस दयनीय स्थिति के उत्तरदायी कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। बिहार में स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं? क्या वे पर्याप्त हैं? अपने उत्तर को तथ्यों एवं आँकड़ों से पुष्ट कीजिए। [67वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2022]
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 में बिहार का स्थान:
नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक 2021 के अनुसार, बिहार भारत के 19 बड़े राज्यों में से 18वें स्थान पर है, जिसमें कुल 31.00 स्कोर प्राप्त किया है। यह सूचकांक समग्र स्वास्थ्य प्रदर्शन पर आधारित है, जिसमें 24 विभिन्न संकेतकों का समावेश किया गया है। इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर केरल (82.20 अंक), तमिलनाडु (72.42 अंक) और तेलंगाना (69.96 अंक) हैं।
बिहार की स्वास्थ्य स्थिति में खराब प्रदर्शन के कारण:
बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कई कारणों से दयनीय रही है, जिनमें प्रमुख हैं:
बिहार में स्वास्थ्य सुधार के लिए उठाए गए कदम:
हालांकि बिहार की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं, लेकिन ये अब तक पर्याप्त नहीं साबित हुए हैं:
क्या ये कदम पर्याप्त हैं?
हालांकि कुछ कदम उठाए गए हैं, लेकिन राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए और भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि और स्वास्थ्य बजट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता देना भी महत्वपूर्ण है।
समग्र रूप से, बिहार को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता है, और इसे प्राथमिकता के साथ लागू करना होगा ताकि राज्य की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सके।