भारतवर्ष दुनिया का कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित दूसरा राष्ट्र है। इस जानलेवा वाइरस के उन्मूलन के लिए केवल सामाजिक दूरी एवं मास्क के प्रयोग के साथ-साथ एक तेज टीकाकरण प्रक्रिया आवश्यक है। प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित मेक इन इंडिया अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुए हमारे राष्ट्र द्वारा कोविड-19 उन्मूलन के लिए उठायी गयी गतिविधियों का विस्तार से वर्णन कीजिए। [67वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2022]
भारत में कोविड-19 महामारी का उन्मूलन और मेक इन इंडिया का योगदान
भारत, कोविड-19 महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। इस जानलेवा वायरस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सामाजिक दूरी, मास्क के साथ-साथ एक व्यापक और तेज टीकाकरण प्रक्रिया अत्यावश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल ने महामारी के समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए और महामारी से निपटने में सक्षम हुआ।
मेक इन इंडिया और कोविड-19 टीकाकरण अभियान
1. टीकों का उत्पादन और विकास
मेक इन इंडिया के तहत भारत में कई टीकों का उत्पादन हुआ, जिसमें दो प्रमुख टीके शामिल हैं:
इन दोनों टीकों ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ विकासशील देशों में टीकों की आपूर्ति में भी सहायता की।
2. बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान
स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सुधार
1. चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन
महामारी के दौरान वेंटिलेटर, PPE किट, मास्क और सैनिटाइज़र जैसे आवश्यक चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन बड़े पैमाने पर देश में किया गया। मेक इन इंडिया की वजह से इन वस्तुओं के लिए आयात पर निर्भरता कम हुई, और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई।
2. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सुविधाओं का विस्तार
महामारी के चरम समय पर ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी। ऐसे में सरकार ने ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुरू की और मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ावा दिया। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, ताकि चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो सके।
अनुसंधान और नवाचार का प्रोत्साहन
वैश्विक स्तर पर योगदान
भारत ने न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा किया बल्कि मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन कर कई देशों को कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराए। इसके जरिए भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान दिया और वैक्सीन मैत्री पहल के तहत कई विकासशील देशों को टीके दिए।
निष्कर्ष
मेक इन इंडिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण में आत्मनिर्भरता के कारण भारत न केवल अपने देशवासियों को सुरक्षा प्रदान कर सका, बल्कि अन्य देशों की भी सहायता कर सका। प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित मेक इन इंडिया अवधारणा ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।