विगत कई वर्षों से बाढ़ एवं सूखे की स्थिति ने बिहार राज्य के उन्नयन एवं समृद्धि को लगातार प्रभावित किया है। इस प्रकार के दुर्घटना प्रबंधन में विज्ञान एवं अभियांत्रिकी की भूमिका की विशिष्ट उदाहरण के साथ विवेचना कीजिए। [66वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2020]
बिहार में बाढ़ और सूखा: विज्ञान और अभियांत्रिकी की भूमिका
बिहार राज्य, जो गंगा नदी की घाटी में स्थित है, सालों से बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। इन आपदाओं ने राज्य के विकास को कई मायनों में प्रभावित किया है। इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए विज्ञान और अभियांत्रिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बाढ़ और सूखे के कारण
विज्ञान और अभियांत्रिकी की भूमिका
1. बाढ़ प्रबंधन में अभियांत्रिकी उपाय
2. सूखा प्रबंधन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी
3. जलवायु परिवर्तन और कृषि तकनीकी
उदाहरण
निष्कर्ष
बिहार में बाढ़ और सूखा जैसी आपदाओं से निपटने के लिए विज्ञान और अभियांत्रिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। जलवायु परिवर्तन, सटीक मौसम पूर्वानुमान, सिंचाई तकनीकों और जल निकासी प्रणालियों के माध्यम से इन आपदाओं के प्रभाव को कम करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। हालांकि, अभी भी इन समस्याओं से निपटने के लिए निरंतर सुधार की आवश्यकता है।