“मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भारत ने अपने सुरक्षा निकाय में सुरक्षा आयुर्थों एवं उपकरणों को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समाहित कर उसमें वृद्धि की है।” इस कथन की पुष्टि सुरक्षा अभियांत्रिकी में वैज्ञानिक विकास के आधार पर कीजिए। [66वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2020]
मेक इन इंडिया और सुरक्षा अभियांत्रिकी में वैज्ञानिक विकास
मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना था। इसके तहत न केवल औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देना था, बल्कि भारतीय सुरक्षा बलों के लिए आवश्यक उपकरणों और आयुर्थों के स्वदेशी निर्माण को भी प्रोत्साहन दिया गया। इस पहल ने सुरक्षा अभियांत्रिकी में वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा दिया, जिससे देश की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया गया।
सुरक्षा अभियांत्रिकी में वैज्ञानिक विकास
सुरक्षा अभियांत्रिकी का उद्देश्य सैन्य बलों के लिए अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों और आयुर्थों का निर्माण करना है। मेक इन इंडिया के तहत इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं:
1. उन्नत रक्षा उपकरणों का स्वदेशी निर्माण
भारत ने रक्षा उद्योग में कई उपकरणों का स्वदेशी उत्पादन बढ़ाया है। इससे न केवल रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता बढ़ी, बल्कि सुरक्षा आयुर्थों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। उदाहरण के तौर पर:
2. उन्नत ड्रोन और निगरानी प्रणाली
भारत ने ड्रोन और निगरानी प्रणाली के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। इन उपकरणों का इस्तेमाल सीमा की निगरानी, आतंकवाद विरोधी अभियानों, और प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों के लिए किया जाता है। स्वदेशी ड्रोन प्रौद्योगिकी ने भारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सक्षम और तेज़ निगरानी प्रणाली प्रदान की है।
3. स्वदेशी टैंक और अन्य सैन्य आयुर्थ
भारत ने अपने स्वदेशी युद्धक टैंक जैसे अरjun टैंक का निर्माण किया है, जो पूरी तरह से भारतीय तकनीकी ज्ञान पर आधारित है। इसके अलावा, भारतीय सेना के लिए कई अन्य आयुर्थों जैसे हल्के आर्मर्ड व्हीकल्स, बुलेटप्रूफ जैकेट्स और अन्य हथियारों का स्वदेशी निर्माण भी बढ़ा है।
4. साइबर सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी
भारत ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठाए हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर साइबर अपराधों और आतंकवाद की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और इंटरनेट सुरक्षा और अपराध निवारण के लिए पहल की गई हैं।
मेक इन इंडिया का महत्व
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकों का विकास करने से भारत को अपनी सुरक्षा में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई है। यह न केवल भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करने में भी मदद करता है। इससे भारत के रक्षा बजट में भी बचत होती है, जो अन्य विकास कार्यों में निवेश किया जा सकता है।
निष्कर्ष
मेक इन इंडिया के तहत किए गए इन प्रयासों से भारत ने अपने सुरक्षा बलों के लिए अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकी आयुर्थों का निर्माण किया है। यह कार्यक्रम भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।