प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 06 अंक का है। [MPPSC 2019]
विवेकानंद के ‘सार्वभौमिक धर्म’ की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।
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विवेकानंद के ‘सार्वभौमिक धर्म’ की प्रमुख विशेषताएँ
विवेकानंद का सार्वभौमिक धर्म सभी धर्मों की अच्छाइयों को अपनाकर, मानवता के कल्याण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
1. विविधता में एकता
विवेकानंद ने सभी धर्मों को एक ही सत्य के विभिन्न रूप कहा। वे मानते थे कि हर धर्म एक ही सत्य तक पहुँचने के अलग-अलग रास्ते हैं।
2. सहिष्णुता और समावेशिता
उनके सार्वभौमिक धर्म का मूल मंत्र सहिष्णुता और समावेशिता है। वे धर्म परिवर्तन की जगह सम्मान और संवाद पर जोर देते थे।
3. व्यवहारिक अध्यात्म
उनका मानना था कि धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं होना चाहिए; उसे समाज की भलाई में भी उपयोग करना चाहिए। उदाहरण: गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा।
4. व्यक्तिगत सशक्तिकरण
विवेकानंद ने हर व्यक्ति में आत्म-विश्वास और आत्म-ज्ञान का महत्व बताया।
उनका यह दृष्टिकोण सभी धर्मों के बीच एकता और सहअस्तित्व को प्रोत्साहित करता है।