उत्तर लेखन के लिए रोडमैप
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, जिसमें “यू.पी.एस.सी. की भूमिकाओं” और इसके “स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधानों” का वर्णन करना है, आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
1. परिचय
- यू.पी.एस.सी. (संघ लोक सेवा आयोग) का संक्षिप्त परिचय दें।
- इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के अंतर्गत गठित एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय के रूप में प्रस्तुत करें।
2. यू.पी.एस.सी. की भूमिकाएं
- इसके प्रमुख कार्यों की सूची बनाएं और प्रत्येक कार्य का संक्षिप्त विवरण दें:
- परीक्षा आयोजित करना: यह अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं और अन्य सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है।
- सेवा संबंधी सलाह: यह सरकार को सेवा मामलों पर सलाह देता है।
- संयुक्त भर्ती योजनाएं: विशेष अर्हताओं के लिए संयुक्त भर्ती योजनाओं में सहायक होता है।
- अतिरिक्त कार्य: संसद द्वारा संघ की सेवाओं के लिए अतिरिक्त कार्य सौंपे जा सकते हैं।
- लेटरल एंट्री के लिए साक्षात्कार: यह अधिकारियों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार आयोजित कर सकता है।
- सूचना स्रोत: भारतीय संविधान, अनुच्छेद 315-323।
3. स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधान
- प्रमुख प्रावधानों को सूचीबद्ध करें और उनका संक्षिप्त विवरण दें:
- कार्यकाल की सुरक्षा: अनुच्छेद 316(2) – सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक।
- हटाने की प्रक्रिया: अनुच्छेद 317 – सदस्य को केवल राष्ट्रपति के आदेश और उच्चतम न्यायालय की जांच के बाद ही हटाया जा सकता है।
- सेवा शर्तें: अनुच्छेद 318 – सदस्यों की सेवा शर्तों में कोई अव्यवस्थित परिवर्तन नहीं हो सकता।
- वित्तीय स्वतंत्रता: अनुच्छेद 322 – वेतन और पेंशन संघ के संचित निधि पर निर्भर करते हैं।
- पुनर्नियुक्ति पर प्रतिबंध: अनुच्छेद 319(A) – सदस्य पुनर्नियुक्ति के लिए अयोग्य होते हैं।
- सिफारिशों की अस्वीकृति पर ज्ञापन: अनुच्छेद 323 – अस्वीकृत सिफारिशों पर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
- सूचना स्रोत: भारतीय संविधान, अनुच्छेद 315-323।
4. निष्कर्ष
- यू.पी.एस.सी. की भूमिकाओं और इसके स्वतंत्रता व निष्पक्षता को सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधानों का संक्षेप में सारांश दें।
- उल्लेख करें कि ये सभी विशेषताएं UPSC को भारतीय प्रशासन की संरचना में महत्वपूर्ण बनाती हैं।
प्रासंगिक तथ्य और स्रोत
- यू.पी.एस.सी. का गठन:
- तथ्य: यू.पी.एस.सी. को संविधान के अनुच्छेद 315 के अंतर्गत बनाया गया।
- स्रोत: भारतीय संविधान।
- मुख्य कार्य:
- तथ्य: UPSC विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित करता है।
- स्रोत: UPSC की आधिकारिक वेबसाइट।
- कार्यकाल की सुरक्षा:
- तथ्य: अनुच्छेद 316(2) के अनुसार, सदस्यों को छह वर्ष का कार्यकाल मिलता है।
- स्रोत: भारतीय संविधान।
- हटाने की प्रक्रिया:
- तथ्य: अनुच्छेद 317 के तहत, राष्ट्रपति द्वारा हटाने की प्रक्रिया कठिन है।
- स्रोत: भारतीय संविधान।
- सामाजिक कार्यों पर सलाह:
- तथ्य: UPSC सरकार को सेवा संबंधी मामलों में सलाह देती है।
- स्रोत: यू.पी.एस.सी. रिपोर्टें।
इस रोडमैप का पालन करते हुए, आप एक सुव्यवस्थित और प्रभावशाली उत्तर तैयार कर सकते हैं
यू.पी.एस.सी. की भूमिकाएँ
संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) भारत में सरकारी सेवाओं के लिए योग्य व्यक्तियों का चयन करने वाला प्रमुख निकाय है। इसकी प्रमुख भूमिकाएँ हैं:
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में कई प्रावधान हैं:
निष्कर्ष
इन प्रावधानों के माध्यम से, यू.पी.एस.सी. एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिससे सक्षम और योग्य अधिकारियों का चयन संभव होता है। इससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है और जनता का विश्वास बढ़ता है।
मॉडल उत्तर
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की भूमिकाएँ
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है, जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के अंतर्गत स्थापित किया गया है। इसे भारत में ‘मेरिट पद्धति के प्रहरी’ के रूप में देखा जाता है। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधान
संविधान ने UPSC की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं:
ये प्रावधान UPSC के संतुलित और निष्पक्ष कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करते हैं (स्रोत: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323)।
1. लोक सेवा आयोग का परिचय
भारतीय संघ के प्रशासनिक तंत्र में यू.पी.एस.सी. (संघ लोक सेवा आयोग) एक महत्वपूर्ण संस्था है, जिसका मुख्य कार्य योग्य और सक्षम व्यक्तियों की भर्ती करना है।
2. यू.पी.एस.सी. की प्रमुख भूमिकाएँ
3. स्वतंत्रता और निष्पक्षता के संवैधानिक प्रावधान
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई संवैधानिक प्रावधान हैं:
इन प्रावधानों के माध्यम से यू.पी.एस.सी. को स्वतंत्रता और निष्पक्षता प्रदान की जाती है, जिससे यह अपने कार्यों को स्वतंत्र रूप से और बिना किसी राजनीतिक दबाव के अंजाम दे सके।
कार्य
भारत के संविधान के अनुच्छेद 320 के अनुसार, अन्य बातों के साथ-साथ, सिविल सेवाओं और पदों पर भर्ती से संबंधित सभी मामलों पर आयोग से परामर्श लेना अनिवार्य है। संविधान के अनुच्छेद 320 के तहत आयोग के कार्य हैं:
साक्षात्कार; इसमें साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा सीधी भर्ती शामिल है।
कोई भी सलाहकारी कार्य करना जिसके लिए भारत के राष्ट्रपति को आयोग से यह करने की आवश्यकता हो।
संविधान ने यूपीएससी की स्वतंत्र और निष्पक्ष कार्यप्रणाली की सुरक्षा और सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित प्रावधान किए हैं:
• इसका मतलब यह है कि यूपीएससी के अध्यक्ष या किसी भी सदस्य को इस कार्यालय के लिए दूसरी बार नियुक्त नहीं किया जाएगा।