भारत में आधारभूत ढाँचे में निवेश की समस्याओं तथा भविष्य की आवश्यकताओं पर लेख लिखिए। [उत्तर सीमा: 100 शब्द, अंक: 10] [RPSC 2023]
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भारत में आधारभूत ढाँचे में निवेश की समस्याएँ कई स्तरों पर हैं। सबसे बड़ी चुनौती पूंजी की कमी और भ्रष्टाचार है, जो परियोजनाओं की समयसीमा और गुणवत्ता को प्रभावित करता है। तकनीकी कौशल की कमी और सरकारी प्रक्रियाओं में जटिलता भी बाधक हैं। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण परियोजनाओं में देरी होती है।
भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, स्मार्ट शहरों, परिवहन नेटवर्क, और हरित ऊर्जा में निवेश आवश्यक है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को बढ़ावा देकर, अधिक निवेश आकर्षित करना और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस दिशा में ठोस कदम उठाना भारत के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत में आधारभूत ढाँचे में निवेश की प्रमुख समस्याएँ हैं वित्तीय कमी, भूमि अधिग्रहण में कठिनाई, और प्रशासनिक विलंब। परियोजनाओं में समन्वय की कमी भी आम है, जिससे समय पर पूरा करना मुश्किल होता है। भविष्य में, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को सशक्त करना आवश्यक है। साथ ही, सतत विकास और जलवायु अनुकूलन पर ध्यान देना चाहिए। संसाधनों के कुशल उपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायित्व में सुधार भी आवश्यक है। इन चुनौतियों का समग्र दृष्टिकोण से समाधान करना महत्वपूर्ण है।