उत्तर लेखन के लिए रोडमैप
1. प्रस्तावना
- संविधान संशोधन का महत्व: 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियमों का उद्देश्य स्थानीय शासन को सशक्त बनाना और विकेन्द्रीकरण को बढ़ावा देना है।
2. शक्तियों का हस्तांतरण
- त्रिस्तरीय संरचना: पंचायतों और नगर पालिकाओं की स्थापना।
- स्रोत: संविधान संशोधन अधिनियम 1993।
- कार्यों का हस्तांतरण:
- 11वीं और 12वीं अनुसूचियों में विषयों की सूची।
- स्रोत: संविधान की अनुसूचियाँ।
- 11वीं और 12वीं अनुसूचियों में विषयों की सूची।
- चुनाव प्रक्रिया: राज्य निर्वाचन आयोग का गठन और चुनाव का प्रावधान।
- स्रोत: संविधान संशोधन अधिनियम।
- वित्तीय शक्तियों का हस्तांतरण: स्थानीय निकायों को वित्तीय अधिकार और राज्य वित्त आयोग का प्रावधान।
- स्रोत: संविधान संशोधन अधिनियम।
3. हस्तांतरण की प्रक्रिया की चुनौतियाँ
- अधिकार क्षेत्र की अस्पष्टता: कार्यों का सौंपा जाना राज्य विधानसभाओं पर निर्भर।
- स्रोत: विभिन्न अध्ययन और रिपोर्टें।
- राज्य की नौकरशाही के अधीनता: ग्राम प्रधानों को तकनीकी मंजूरी के लिए नौकरशाही से संपर्क करना होता है।
- स्रोत: स्थानीय शासन पर अध्ययन।
- प्रशासनिक स्वायत्तता का अभाव: स्थानीय निकायों का प्रभावी कार्य करने में बाधाएं।
- स्रोत: विभिन्न रिपोर्टें।
- अपर्याप्त भागीदारी: कल्याणकारी कार्यक्रमों में स्थानीय निकायों की सीमित भागीदारी।
- स्रोत: सामाजिक अध्ययन और सर्वेक्षण।
- वित्तीय निर्भरता: स्थानीय निकायों की राज्य और केंद्रीय वित्त पर निर्भरता।
- स्रोत: वित्तीय रिपोर्टें।
4. निष्कर्ष
- संतोषजनक स्तर तक न पहुंचने का आकलन: उपर्युक्त मुद्दों के आधार पर निष्कर्ष निकालें।
- सुधार की आवश्यकता: वास्तविक हस्तांतरण को साकार करने के लिए आवश्यक सुधारों की चर्चा करें।
प्रासंगिक तथ्य
- 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम: 1993 में पारित, स्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा दिया।
- स्रोत: भारतीय संविधान की वेबसाइट।
- 11वीं और 12वीं अनुसूचियाँ: पंचायतों और नगर निकायों के लिए 29 और 18 विषय।
- स्रोत: भारतीय संविधान।
- राज्य निर्वाचन आयोग: पंचायतों के चुनाव के लिए स्वायत्त निकाय के गठन का प्रावधान।
- स्रोत: संविधान संशोधन अधिनियम।
- स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति: राज्य वित्त आयोग के गठन का प्रावधान।
- स्रोत: वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट।
इस रोडमैप का उपयोग करते हुए, आप अपने उत्तर को व्यवस्थित और तथ्यात्मक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
मॉडल उत्तर
73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत शक्तियों का हस्तांतरण
विभिन्न समितियों की अनुशंसाओं के आधार पर, 1993 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम (CAA) पारित किए गए। इन अधिनियमों का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के माध्यम से विकेन्द्रीकृत शासन को सशक्त बनाना था।
शक्तियों का हस्तांतरण
वास्तविक हस्तांतरण की चुनौतियाँ
हालांकि, इन प्रावधानों के बावजूद वास्तविक हस्तांतरण संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंचा है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
इन समस्याओं का समाधान किए बिना, 73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियमों द्वारा परिकल्पित वास्तविक हस्तांतरण को साकार करना संभव नहीं है। इससे न केवल सहभागी लोकतंत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कल्याण और विकास को भी प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम ने स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए।
73वां संशोधन अधिनियम
74वां संशोधन अधिनियम
हस्तांतरण की प्रक्रिया का मूल्यांकन
हालांकि ये संशोधन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी तक संतोषजनक स्तर पर नहीं पहुंची है:
चुनौतियाँ
निष्कर्ष
इसलिए, जबकि 73वें और 74वें संशोधन ने स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा दिया है, कार्यान्वयन में कई बाधाएँ हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है।