प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2022]
वैयक्तिक भिन्नता की अवधारणा का वर्णन कीजिए तथा प्रकृति व पोषण विवाद पर प्रकाश डालिए।
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वैयक्तिक भिन्नता की अवधारणा
परिचय
वैयक्तिक भिन्नता का अर्थ है कि हर व्यक्ति में अद्वितीय विशेषताएँ होती हैं, जैसे कि सोचने का तरीका, भावनाएँ और व्यवहार। यह भिन्नता कई कारकों के कारण होती है, जिनमें जैविक, मानसिक और सामाजिक कारक शामिल हैं।
प्रकृति बनाम पोषण विवाद
प्रकृति (Nature)
प्रकृति का तात्पर्य है कि व्यक्ति की विशेषताएँ और व्यवहार उसके अनुवांशिक गुणों से निर्धारित होते हैं।
उदाहरण: एक परिवार में सभी सदस्य संगीत में प्रतिभाशाली होते हैं, यह उनके अनुवांशिक गुणों का परिणाम हो सकता है।
पोषण (Nurture)
पोषण का अर्थ है कि व्यक्ति का विकास उसके वातावरण और अनुभवों पर निर्भर करता है।
उदाहरण: अगर एक बच्चा सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल में बड़ा होता है, तो वह आत्मविश्वासी बन सकता है।
उदाहरण
एक व्यक्ति में सामाजिक कौशल और नेतृत्व क्षमता का होना उसके पारिवारिक माहौल और शिक्षा पर निर्भर करता है, जबकि उसकी बुद्धिमत्ता और शारीरिक गुण अनुवांशिकता से प्रभावित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
प्रकृति और पोषण का विवाद यह बताता है कि वैयक्तिक भिन्नता दोनों कारकों के संयुक्त प्रभाव से बनती है। न केवल अनुवांशिक गुण, बल्कि वातावरण भी व्यक्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम दोनों पहलुओं को समझें और उनके संतुलन को पहचानें।