स्वाति, पुलिस कंट्रोल रूप में एक पुलिस अधिकारी, एक भयानक दुर्घटना वाली जगह पहुंचती है। दो युवा लोग, एक लड़का तथा एक लड़की बुरी तरह से घायल हैं। उन्हें तत्काल ही प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत है अन्यथा उनकी चोटें जानलेवा सिद्ध हो सकती है। कोई अन्य पुलिस पेट्रोल या एम्बुलेंस इस जगह तत्काल नहीं पहुँच सकती। स्वाति को अपनी पृष्ठ भूमि की वजह से पैरा मेडिकल ट्रैनिंग प्राप्त है। उसका अनुमान है कि लड़की की हालत ऐसी है कि उसे अकेले यह सुधार नहीं सकती। हालत संभालने की संभावना बहुत कम है। उसे पहले किसकी देखभाल करनी चाहिए? यह उसके लिये कष्टप्रद दुविधा है। [उत्तर सीमा 250 शब्द, अंक: 16]
स्वाति के सामने इस आपातकालीन स्थिति में निर्णय लेने की चुनौती है। उसके पास सीमित समय और संसाधन हैं, और उसे यह तय करना है कि किस घायल व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना चाहिए।
परिस्थिति का विश्लेषण:
निर्णय:
स्वाति को अपनी प्राथमिक चिकित्सा कौशल का उपयोग करते हुए, पहले लड़की की देखभाल करनी चाहिए। यदि उसकी स्थिति अधिक गंभीर है, तो उसे तात्कालिक चिकित्सा दी जानी चाहिए। यदि वह बचती है, तो उसके पास जीवित रहने की संभावना होगी।
आगे की कार्रवाई:
निष्कर्ष:
स्वाति का निर्णय लड़के और लड़की दोनों के लिए कठिनाई भरा है, लेकिन उसे प्राथमिकता उस व्यक्ति को देनी चाहिए जिसकी हालत सबसे अधिक गंभीर है। यह नैतिक दुविधा उसके पेशेवर मूल्य और मानवता को दर्शाती है।