विभिन्न विचारधाराओं के द्वारा वर्णित सिविल सेवा के अनिवार्य नैतिक मूल्यों की व्याख्या कीजिये। [उत्तर सीमा 250 शब्द, अंक: 16] [UKPSC-2016]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
सिविल सेवा के अनिवार्य नैतिक मूल्य समाज में ईमानदारी, उत्तरदायित्व और समानता को बढ़ावा देते हैं। विभिन्न विचारधाराओं के माध्यम से इन्हें निम्नलिखित रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है:
1. ईमानदारी और पारदर्शिता:
ईमानदारी सिविल सेवकों का मुख्य मूल्य है। यह न केवल व्यक्तिगत आचरण में, बल्कि सरकारी कार्यों में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। पारदर्शिता से भ्रष्टाचार कम होता है और जनता का विश्वास बढ़ता है।
2. उत्तरदायित्व:
सिविल सेवकों को अपनी कार्यप्रणाली के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उन्हें अपनी नीतियों और निर्णयों का प्रभाव समझना चाहिए और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए। यह लोकतंत्र को सशक्त बनाता है।
3. समानता और न्याय:
सिविल सेवा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सभी नागरिकों के प्रति समानता और न्याय सुनिश्चित करना है। यह जाति, धर्म या लिंग के भेद के बिना सभी को समान अधिकार प्रदान करता है।
4. सहिष्णुता और सहानुभूति:
सिविल सेवकों को समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति सहिष्णुता और सहानुभूति दिखानी चाहिए। इससे सामाजिक स्थिरता और सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।
5. नैतिकता और सिद्धांत:
सिविल सेवकों को नैतिकता के उच्च मानकों का पालन करना चाहिए। यह उन्हें सही निर्णय लेने में मदद करता है और सामाजिक मानदंडों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
इन नैतिक मूल्यों के माध्यम से सिविल सेवा एक सशक्त और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।