पर्यावरण पर ठोस अपशिष्ट के प्रभाव का वर्णन कीजिये एवं इसका प्रबंधन कैसे किया जा सकता है।[उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2016]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
ठोस अपशिष्ट का पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जैसे जल, वायु और मृदा प्रदूषण। अव्यवस्थित ढंग से निपटान करने से भूजल में प्रदूषक मिल सकते हैं, जबकि जल स्रोतों में अपशिष्ट डालने से जलीय जीवन पर नकारात्मक असर होता है। सड़ने वाले अपशिष्टों से हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो वायु गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
इसके प्रबंधन के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. कम करना (Reduce): अपशिष्ट उत्पादन को न्यूनतम करना।
2. पुन: उपयोग (Reuse): वस्तुओं का पुनः उपयोग करना।
3. पुनर्चक्रण (Recycle): अपशिष्ट सामग्री को पुनः संसाधित करना।
4. सही निपटान: ठोस अपशिष्ट के लिए निर्धारित स्थानों पर उचित निपटान करना, जैसे लैंडफिल या जैविक अपशिष्ट का खाद में परिवर्तन।
इन उपायों से ठोस अपशिष्ट के प्रभाव को कम किया जा सकता है और पर्यावरण की सुरक्षा की जा सकती है।