प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्द में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2022]
भारतीय राजनीति में जांति की भूमिका वरदान है या अभिशाप ? समझाइए।
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भारतीय राजनीति में जाति की भूमिका एक जटिल और विवादास्पद विषय है। कुछ लोग इसे वरदान मानते हैं, जबकि अन्य इसे अभिशाप के रूप में देखते हैं। जाति व्यवस्था ने भारत में सामाजिक संरचना को एक विशेष रूप दिया है। एक ओर, जाति ने समाज में पहचान और समुदाय का निर्माण किया है, जिससे लोगों को एकजुट होने का अवसर मिला। कई राजनीतिक दल जाति के आधार पर वोट बैंक बनाने में सफल रहे हैं, जिससे उन्हें चुनावी सफलता प्राप्त हुई है।
दूसरी ओर, जाति व्यवस्था ने सामाजिक विभाजन और भेदभाव को भी बढ़ावा दिया है। यह राजनीतिक खेल में विकास के रास्ते में एक बाधा बन गया है, क्योंकि जातिगत पहचान अक्सर राजनीतिक फैसलों में प्राथमिकता प्राप्त करती है। जातिवाद के कारण कई लोग अपनी क्षमता के बावजूद आगे नहीं बढ़ पाते।
इसलिए, यह कहा जा सकता है कि जाति भारतीय राजनीति में एक वरदान और अभिशाप दोनों है। यह एक ओर सामाजिक सुरक्षा और सामूहिकता का स्रोत हो सकता है, जबकि दूसरी ओर यह भेदभाव और असमानता को भी जन्म देता है। इस मुद्दे का समाधान जातिवाद को समाप्त कर, समानता और समरसता की दिशा में बढ़ना है।