प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022]
“जब तक मनुष्य की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होर्ती, उससे सांस्कृतिक सृजनात्मकता की आशा करना व्यर्थ है।” यह कंथन किसका हैं? समझाइए।
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“जब तक मनुष्य की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती, उससे सांस्कृतिक सृजनात्मकता की आशा करना व्यर्थ है।” यह कथन डॉ. भीमराव अंबेडकर का है। उनका यह विचार इस बात पर जोर देता है कि आर्थिक स्थिरता सांस्कृतिक और सृजनात्मक गतिविधियों के लिए आवश्यक है। अंबेडकर ने माना कि यदि व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएँ, जैसे भोजन, आश्रय और सुरक्षा, पूरी नहीं होती हैं, तो वे कला और साहित्य की ओर ध्यान नहीं दे सकते। उनका मानना था कि आर्थिक असमानताओं का समाधान किए बिना सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास संभव नहीं है। इस प्रकार, आर्थिक सशक्तिकरण सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक है।