“किसी स्थान की वनस्पति वहाँ के जलवायु की सूचक होती है।” विवेचना कीजिये | [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2016]
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किसी स्थान की वनस्पति उसके जलवायु की एक महत्वपूर्ण सूचक होती है, क्योंकि वनस्पति का विकास जलवायु की विशेषताओं, जैसे तापमान, वर्षा, आर्द्रता और मौसमी बदलावों से प्रभावित होता है। प्रत्येक क्षेत्र की वनस्पति उन पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होती है, जिनमें वह विकसित होती है।
उदाहरण के लिए, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, जहाँ वर्षा अधिक होती है और तापमान उच्च रहता है, घने वर्षा वन (जंगल) पाए जाते हैं। यहाँ की वनस्पति जैसे कि बांस, महोगनी और अन्य विविध वृक्ष, इस जलवायु के अनुकूल होती हैं। वहीं, शीतोष्ण क्षेत्रों में, जहाँ ठंड और बर्फबारी होती है, वहाँ उष्णकटिबंधीय वनस्पति की अपेक्षा विभिन्न प्रकार के पत्तेदार वृक्ष और झाड़ियाँ पाई जाती हैं।
इसके अतिरिक्त, शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में, जैसे कि रेगिस्तान, वहाँ की वनस्पति जैसे कैक्टस और कंटीले पौधे जल की कमी के प्रति अनुकूलित होते हैं। ये पौधे जल को संचित करने और तापमान के प्रतिकूल प्रभावों से बचने की विशेषताओं से लैस होते हैं।
इस प्रकार, किसी स्थान की वनस्पति न केवल उस क्षेत्र के जलवायु की पहचान करती है, बल्कि यह पारिस्थितिकी तंत्र की स्वास्थ्य, जीव-जंतु की विविधता और मानव गतिविधियों के प्रभाव को भी दर्शाती है। वनस्पति और जलवायु का यह संबंध पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण है।