समकालीन भारतीय शासकों के साथ हर्षवर्द्धन के संबंधों का वर्णन कीजिये। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2016]
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हर्षवर्द्धन (606-647 ई.) एक महान भारतीय शासक थे, जिनका शासन उत्तर भारत के व्यापक क्षेत्र पर फैला था। उनके समकालीन शासकों के साथ संबंधों में राजनीतिक और धार्मिक पहलुओं का समावेश था। हर्षवर्द्धन ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए सैन्य अभियान चलाए और विभिन्न राजाओं के साथ गठबंधन किए।
कन्नौज का राजा बनने के बाद, उन्होंने दक्षिण भारत के शासक पल्लवों के साथ संबंध स्थापित किए। हर्षवर्द्धन ने चालुक्य और मौर्य साम्राज्य के शासकों के साथ भी संपर्क बनाए रखा, जिससे उन्होंने राजनीतिक एकता को बढ़ावा दिया।
धार्मिक दृष्टिकोण से, हर्षवर्द्धन ने बौद्ध धर्म को अपनाया, लेकिन हिंदू धर्म के प्रति भी उनका सम्मान था। उन्होंने बौद्ध और हिंदू विचारों के बीच सामंजस्य स्थापित किया और अनेक धार्मिक समारोहों का आयोजन किया। उनका सबसे प्रसिद्ध समारोह कन्नौज में आयोजित हुआ, जिसमें अनेक समकालीन शासक शामिल हुए।
हर्षवर्द्धन के शासनकाल में भारत की संस्कृति और कलाओं का विकास हुआ। उन्होंने साहित्य, कला और विज्ञान के क्षेत्र में भी योगदान दिया। उनकी शासन नीति और समकालीन शासकों के साथ संबंधों ने एक समृद्ध और विविध भारतीय सभ्यता का निर्माण किया, जो उन्हें इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है। उनकी धार्मिक सहिष्णुता और राजनीतिक चतुराई ने उन्हें एक कुशल शासक के रूप में स्थापित किया।