ISO-OSI रेफ्रेन्स मॉडल का वर्णन कीजिये। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
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ISO-OSI रेफ्रेन्स मॉडल (International Organization for Standardization – Open Systems Interconnection Model) एक अवधारणा है जो नेटवर्किंग और संचार प्रणालियों के लिए मानकीकरण प्रदान करती है। यह मॉडल सात लेयर्स में विभाजित है, प्रत्येक लेयर एक विशिष्ट कार्य करती है और एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट करती है।
1. **फिजिकल लेयर**: यह हार्डवेयर और भौतिक माध्यम का प्रबंधन करती है, जैसे कि केबल, स्विच, और सिग्नलिंग।
2. **डाटा लिंक लेयर**: यह डेटा पैकेट को फिजिकल लेयर पर भेजने से पहले उसे फ्रेम में व्यवस्थित करती है और त्रुटि पहचान करती है।
3. **नेटवर्क लेयर**: यह डेटा के लिए रूटिंग और पते का प्रबंधन करती है, जैसे IP एड्रेसिंग।
4. **ट्रांसपोर्ट लेयर**: यह डेटा के विश्वसनीय संचरण को सुनिश्चित करती है, जैसे TCP और UDP प्रोटोकॉल।
5. **सत्र लेयर**: यह संचार सत्रों की स्थापना, प्रबंधन, और समाप्ति को संभालती है।
6. **प्रेजेंटेशन लेयर**: यह डेटा के प्रारूप को मानकीकृत करती है, जैसे कि एनकोडिंग और डिक्रिप्शन।
7. **एप्लीकेशन लेयर**: यह उपयोगकर्ताओं और एप्लिकेशन के बीच इंटरफेस प्रदान करती है, जैसे कि ई-मेल और वेब ब्राउज़िंग।
ISO-OSI मॉडल नेटवर्किंग के जटिल पहलुओं को समझने और मानकीकरण के लिए एक संरचना प्रदान करता है, जिससे विभिन्न सिस्टम और उपकरण एक दूसरे के साथ आसानी से संवाद कर सकें।