नई आर्थिक नीति के परिप्रेक्ष्य में भारत में आर्थिक नियोजन की भूमिका बताइये और मूल्यांकन कीजिये। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
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नई आर्थिक नीति के परिप्रेक्ष्य में भारत में आर्थिक नियोजन की भूमिका
नई आर्थिक नीति (1991) ने भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिक, बाजार-आधारित और वैश्विक दृष्टिकोण में ढालने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। इसके तहत उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के उपायों को लागू किया गया। इस संदर्भ में आर्थिक नियोजन की भूमिका को नए परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है, जहाँ अब सरकार संसाधनों के वितरण और विकास के लिए योजनाएँ तैयार करती है, लेकिन साथ ही बाजार को प्रमुख भूमिका सौंपती है।
निष्कर्ष:
नई आर्थिक नीति ने भारत को आर्थिक सुधार और वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद की, लेकिन इसके साथ सामाजिक और क्षेत्रीय असमानताएँ भी बढ़ी हैं। इसलिए, आर्थिक नियोजन का उद्देश्य अब समावेशी और सतत विकास होना चाहिए।