राष्ट्रीय आय को मापने की प्रमुख विधियों का वर्णन कीजिये। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
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राष्ट्रीय आय को मापने की प्रमुख विधियाँ
राष्ट्रीय आय मापने के तीन प्रमुख तरीके हैं: उत्पादन विधि, आय विधि, और व्यय विधि। इन तीनों विधियों से हमें एक देश की कुल आर्थिक गतिविधि का अनुमान मिलता है।
इस विधि में राष्ट्रीय आय को कुल उत्पाद के रूप में मापा जाता है, जो विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का योग होता है। यह विधि निर्माण, कृषि, और सेवा क्षेत्र के योगदान को सम्मिलित करती है। उदाहरण के लिए, भारत में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाया जाता है।
इस विधि में राष्ट्रीय आय को कुल आय के रूप में मापा जाता है, जो मजदूरी, लाभ, और भाड़ा जैसे आय स्रोतों से प्राप्त होती है। इस विधि का उद्देश्य यह देखना है कि उत्पादन से जो आय उत्पन्न हुई है, वह समाज के विभिन्न वर्गों के बीच कैसे वितरित होती है। उदाहरण के लिए, भारत में आय वितरण का अध्ययन यह बताता है कि किस वर्ग को कितना आय मिल रहा है।
इस विधि में राष्ट्रीय आय को कुल खर्च के आधार पर मापा जाता है, जो उपभोक्ता खर्च, निवेश और सरकारी खर्च से संबंधित होता है। उदाहरण के तौर पर, भारत सरकार के प्रोत्साहन पैकेज और वित्तीय योजनाओं से जो खर्च बढ़ा है, वह राष्ट्रीय आय में योगदान करता है।
निष्कर्ष:
ये तीनों विधियाँ एक-दूसरे के पूरक हैं और एक साथ मिलकर हमें राष्ट्रीय आय का सटीक और समग्र चित्र प्रदान करती हैं, जिससे नीति निर्धारण में मदद मिलती है।