काला धन’ क्या है? उसके क्या स्रोत हैं तथा उसका क्या प्रभाव होता है? काले धन की प्राप्ति के लिये सरकार द्वारा किये उपायों का उल्लेख कीजिये। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
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काला धन वह धन है जो अवैध रूप से अर्जित किया जाता है और जिसका सही तरीके से स्रोत या लेखा-जोखा नहीं होता। यह धन टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, और अन्य अवैध गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
स्रोत:
टैक्स चोरी: लोग अपनी आय को छिपाकर टैक्स से बचने का प्रयास करते हैं।
भ्रष्टाचार: सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अवैध रूप से धन की वसूली करते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग: अवैध धन को वैध दिखाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है।
स्मगलिंग: अवैध वस्तुओं की तस्करी से अर्जित धन भी काले धन में शामिल होता है।
प्रभाव:
आर्थिक असमानता: काला धन आर्थिक विषमताओं को बढ़ाता है और समाज में वर्ग भेद पैदा करता है।
विकास में बाधा: इससे सरकारी योजनाओं का सही कार्यान्वयन प्रभावित होता है और विकास में रुकावट आती है।
भ्रष्टाचार का विस्तार: काला धन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, जिससे प्रशासनिक प्रणाली कमजोर होती है।
सरकारी उपाय:
डिजिटलीकरण: सरकार ने वित्तीय लेन-देन को डिजिटल बनाने पर जोर दिया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
बैंकिंग प्रणाली में सुधार: बैंक खाते खोलने और लेन-देन की प्रक्रिया को कठोर बनाया गया है।
आयकर कानून में संशोधन: काले धन की पहचान और जब्ती के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं।
प्रवर्तन एजेंसियों का गठन: आयकर विभाग, ईडी, और सीबीआई जैसी एजेंसियों को काले धन के खिलाफ कार्रवाई के लिए सशक्त बनाया गया है।
इन उपायों से सरकार काले धन के प्रभाव को कम करने और आर्थिक पारदर्शिता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
काला धन वह धन है जो अवैध रूप से अर्जित किया जाता है और जिसका सही तरीके से स्रोत या लेखा-जोखा नहीं होता। यह धन टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, और अन्य अवैध गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
स्रोत:
टैक्स चोरी: लोग अपनी आय को छिपाकर टैक्स से बचने का प्रयास करते हैं।
भ्रष्टाचार: सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अवैध रूप से धन की वसूली करते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग: अवैध धन को वैध दिखाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है।
स्मगलिंग: अवैध वस्तुओं की तस्करी से अर्जित धन भी काले धन में शामिल होता है।
प्रभाव:
आर्थिक असमानता: काला धन आर्थिक विषमताओं को बढ़ाता है और समाज में वर्ग भेद पैदा करता है।
विकास में बाधा: इससे सरकारी योजनाओं का सही कार्यान्वयन प्रभावित होता है और विकास में रुकावट आती है।
भ्रष्टाचार का विस्तार: काला धन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, जिससे प्रशासनिक प्रणाली कमजोर होती है।
सरकारी उपाय:
डिजिटलीकरण: सरकार ने वित्तीय लेन-देन को डिजिटल बनाने पर जोर दिया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
बैंकिंग प्रणाली में सुधार: बैंक खाते खोलने और लेन-देन की प्रक्रिया को कठोर बनाया गया है।
आयकर कानून में संशोधन: काले धन की पहचान और जब्ती के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं।
प्रवर्तन एजेंसियों का गठन: आयकर विभाग, ईडी, और सीबीआई जैसी एजेंसियों को काले धन के खिलाफ कार्रवाई के लिए सशक्त बनाया गया है।
इन उपायों से सरकार काले धन के प्रभाव को कम करने और आर्थिक पारदर्शिता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।