भारत के आमचुनाव में मतदाता निरीक्षण पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) के प्रयोग का मूल्यांकन कीजिये।(125 Words) [UPPSC 2018]
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मतदाता निरीक्षण पेपर ऑडिट ट्रायल (VVPAT) का मूल्यांकन
1. पारदर्शिता और विश्वास: VVPAT प्रणाली ने मतदान की पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाया है। यह सुनिश्चित करती है कि मतदाता की पर्ची का रिकॉर्ड डिजिटल वोटिंग के साथ मेल खाता है। हाल के लोकसभा चुनाव (2019) में, VVPAT ने चुनाव परिणामों की सटीकता को सुनिश्चित किया।
2. विवाद समाधान: VVPAT की उपस्थिति ने विवादित मतपत्रों के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (2018) में, VVPAT ने मतपत्रों की सटीकता की पुष्टि करने में मदद की, जिससे मतदाता के संदेहों का समाधान हुआ।
3. तकनीकी और प्रशासनिक चुनौती: VVPAT प्रणाली को लागू करने में तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियाँ सामने आई हैं, जैसे कि मशीनों में तकनीकी खराबियाँ और पुन: गणना में समय की देरी। इन समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है ताकि प्रणाली की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बनी रहे।
VVPAT का उपयोग भारतीय चुनावों में लोकतंत्र के प्रति विश्वास और सटीकता को बढ़ाने में सहायक रहा है, लेकिन इसके साथ जुड़ी समस्याओं का समाधान भी आवश्यक है।