उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति (2018) के प्राथमिक लक्ष्यों की विवरण दीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
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उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति (2018) के प्राथमिक लक्ष्य
उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति (2018) राज्य में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित और विस्तारित करने के लिए कई प्रमुख लक्ष्यों को निर्धारित करती है।
**1. पर्यटक आगमन में वृद्धि: इस नीति का मुख्य उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बढ़ाना है। राज्य के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर जैसे ताजमहल का लाभ उठाकर पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में, “मध्या प्रदेश-काशी” पर्यटन सर्किट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ता है।
**2. अवसंरचना का विकास: पर्यटन अवसंरचना को सुधारना एक प्रमुख लक्ष्य है। इस नीति के तहत परिवहन, आवास और स्वच्छता जैसी सुविधाओं को अपग्रेड करने पर जोर दिया गया है। उदाहरण के लिए, कुशीनगर और अयोध्या में नए हवाईअड्डों का विकास किया गया है, जिससे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हो सके।
**3. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है, और इसका ध्यान वाराणसी और मथुरा जैसे स्थलों की पदयात्रा को प्रोत्साहित करने पर है। “रामायण सर्किट” जैसे प्रोजेक्ट इस दिशा में कदम हैं, जो रामायण से जुड़े स्थलों को उजागर करते हैं।
**4. रोजगार सृजन और आर्थिक विकास: पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का लक्ष्य है। हाल में स्थापित पर्यटन सर्किट और इको-पार्क स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने के प्रयास हैं।
**5. सतत पर्यटन प्रथाएँ: पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए सतत पर्यटन प्रथाओं को अपनाना नीति का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य है। “स्वच्छ गंगा मिशन” जैसे अभियानों के माध्यम से पर्यटन के विकास को पर्यावरणीय प्रभाव से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश की पर्यटन नीति (2018) राज्य के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को साकार करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाती है।