सरकार की दो समांतर चलाई जा रही योजनाओं, यथा ‘आधार कार्ड’ और ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ (एन.पी.आर.), एक स्वैच्छिक और दूसरी अनिवार्य, ने राष्ट्रीय स्तरों पर वाद-विवादों और मुकदमों को जन्म दिया है। गुणों-अवगुणों के आधार पर चर्चा कीजिए कि क्या दोनों योजनाओं को साथ-साथ चलाना आवश्यक है या नहीं है। इन योजनाओं की विकासात्मक लाभों और न्यायोचित संवृद्धि को प्राप्त करने की संभाव्यता का विश्लेषण कीजिये। (200 words) [UPSC 2014]
सरकार की दो समांतर चलाई जा रही योजनाएं: आधार कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.)
भूमिका:
आधार कार्ड और एन.पी.आर. देश में नागरिकता और पहचान के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, लेकिन इनकी स्वैच्छिक और अनिवार्य प्रकृति के कारण विवाद उत्पन्न हुआ है।
आधार कार्ड की विशेषताएं:
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.) की विशेषताएं:
साथ-साथ चलाना: आवश्यक या नहीं?
निष्कर्ष:
दुनिया में डेटा सुरक्षा और अधिकार का महत्व बढ़ता जा रहा है। इस दृष्टिकोण से, आधार कार्ड और एन.पी.आर. को एक संतुलित और पारदर्शी तरीके से चलाना आवश्यक है, ताकि विकासात्मक लाभ सुनिश्चित हो और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी हो सके।