विश्व व्यापार में संरक्षणबाद और मुद्रा चालबाजियों की हाल की परिघटनाएँ भारत की समष्टि-आर्थिक स्थिरता को किस प्रकार से प्रभावित करेंगी? (250 words) [UPSC 2018]
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विश्व व्यापार में संरक्षणवाद और मुद्रा चालबाजियों का भारत की समष्टि-आर्थिक स्थिरता पर प्रभाव
परिचय
हाल की परिघटनाएँ जैसे संरक्षणवाद और मुद्रा चालबाजियाँ वैश्विक व्यापार में गहरा असर डाल रही हैं, जो भारत की समष्टि-आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।
संरक्षणवाद
संरक्षणवाद के अंतर्गत व्यापार अवरोध जैसे कि शुल्क और आयात कोटा बढ़ाए जाते हैं। इससे भारत को आयातित वस्तुओं और कच्चे माल की लागत बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के दौरान लगाए गए शुल्कों ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित किया और भारत के निर्माताओं पर लागत का बोझ डाला।
प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में संरक्षणवादी नीतियाँ भारतीय निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। भारत के वस्त्र उद्योग को कई देशों द्वारा एंटी-डंपिंग शुल्कों का सामना करना पड़ा, जिससे निर्यात की मात्रा और आय में कमी आई।
व्यापार की मात्रा में कमी आर्थिक वृद्धि को धीमा कर सकती है। उदाहरण के लिए, यदि प्रमुख बाजार संरक्षणवादी उपाय अपनाते हैं, तो यह भारतीय सामान और सेवाओं की मांग को कम कर सकता है।
मुद्रा चालबाजियाँ
मुद्रा चालबाजियाँ के कारण विनिमय दर में अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर प्रमुख देश अपनी मुद्रा को कृत्रिम रूप से कम करते हैं, तो इससे भारतीय रुपए की मूल्यवर्ग में अस्थिरता आ सकती है, जिससे निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता और आयात की लागत प्रभावित हो सकती है।
रुपये की कमजोरी से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, आयातित कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से घरेलू ईंधन की कीमतें ऊंची हो सकती हैं, जिससे जीवनयापन की लागत पर असर पड़ेगा।
मुद्रा अस्थिरता पूंजी प्रवाह को भी प्रभावित कर सकती है। मुद्रा अस्थिरता के चलते निवेशक असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, जिससे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और पोर्टफोलियो निवेश में कमी आ सकती है।
हालिया उदाहरण
निष्कर्ष
संरक्षणवाद और मुद्रा चालबाजियाँ भारत की समष्टि-आर्थिक स्थिरता पर विभिन्न तरीकों से प्रभाव डालती हैं, जैसे व्यापार की मात्रा, मुद्रास्फीति, और पूंजी प्रवाह। भारत के नीति निर्माता इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रभावी व्यापार और मुद्रा प्रबंधन नीतियाँ अपनाकर समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।